राज्य सरकार को कोर्ट से फिर झटका,टेक होम राशन के लिए जारी टेंडर प्रक्रिया पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक

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आंगनबाड़ी केंद्रों में टेक होम राशन की आपूर्ति के लिए जारी पुष्टाहार टेंडर प्रक्रिया पर नैनीताल हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है। हाईकोर्ट ने मामले में सरकार से तीन सप्ताह में जवाब मांगा है। महिला एवं बाल विकास विभाग ने आठ अप्रैल 2021 को पुष्टाहार टेंडर प्रकिया जारी की थी।न्यायमूर्ति शरद कुमार शर्मा की एकलपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। लिब्बरहेड़ी (हरिद्वार) के स्वयं सहायता समूहों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि सर्वोच्च न्यायालय के दिशा निर्देशों के अनुसार आंगनबाड़ी केंद्रों में पुष्टाहार की सप्लाई के लिए जो भी टेंडर निकाले जाएं उनमें स्वयं सहायता समूहों और ग्रामीण समूहों को वरीयता दी जाए। याचिका में कहा गया कि राज्य सरकार ने टेंडर प्रकिया में जानबूझकर ऐसी शर्तें रखी हैं, जिन्हें ये संस्थाएं पूरी नहीं कर पा रही हैं।टेंडर प्रक्रिया में शर्त रखी गई है कि जो समूह इसमें प्रतिभाग करेगा, उनका तीन वर्ष का टर्नओवर तीन करोड़ से ऊपर होना चाहिए, टेंडर प्रक्रिया में शामिल होने के लिए 11.24 लाख रुपये की धरोहर राशि भी रखी गई है। याचिका में कहा गया कि पहले भी उनसे पौष्टिक आहार खरीदा गया था। उस वक्त ऐसी कोई शर्त नहीं थी। सरकार ने इस टेंडर प्रक्रिया में अब प्राइवेट कंपनियों को भी प्रतिभाग करने की छूट दी है।

याचिकाकर्ताओं का कहना है कि सरकार उन्हें टेंडर प्रक्रिया से बाहर करना चाहती है क्योंकि कोई भी महिला समूह उक्त शर्तें पूरी नहीं कर सकता है। सरकार ने इन समूहों को पूर्व में सामान की गुणवत्ता, पैकिंग, लेबलिंग और स्टोरेज आदि का प्रशिक्षण भी दिया था। याचिका में कहा गया कि सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय के दिशानिर्देशों का पालन नहीं किया है।

ऐसे तो खतरे में पड़ जाएगा स्वयंसहायता समूहों का अस्तित्व 
याचिका में कहा गया कि हरिद्वार के लिब्बरहेड़ी में चेतना स्वयं सहायता समूह, संतोषी माता स्वयं सहायता समूह, लक्ष्मी बाई स्वयं सहायता समूह, कृष्णा स्वयं सहायता समूह, गायत्री स्वयं सहायता समूह व अंबेडकर स्वयं सहायता समूह हैं। टेंडर प्रक्रिया में सरकार की शर्तों से स्वयं सहायता समूहों का अस्तित्व खतरे में पड़ जाएगा।

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