रामनगर: लाखों रुपये की लागत से बनाया गया पोस्टमार्टम भवन खतरे की जद में आ गया है। नहर टूटने से भवन के ढहने का खतरा बना हुआ है। अभी तक प्रशासन, सिचाई विभाग और न संयुक्त चिकित्सालय प्रशासन द्वारा भवन की सुरक्षा के लिए कोई उपाय किए गए हैं।
वर्ष 2010 से पहले मृतकों के शवों को पोस्टमार्टम के लिए काशीपुर या हल्द्वानी ले जाना पड़ता था। लोगों की परेशानी को देखते हुए वर्ष 2010 में तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री बलवंत सिंह भौर्याल ने पोस्टमार्टम भवन की आधारशिला रखी थी। एक साल में यह भवन बनकर तैयार हो गया। वर्ष 2012 से रामनगर में ही पोस्टमार्टम होने लगे। बीते दिनों पहाड़ों में हुई बारिश से सिचाई नहर में पानी बढ़ गया। इससे पोस्टमार्टम भवन की बुनियाद के समीप नहर का काफी हिस्सा ढह गया।
नहर टूटने से पोस्टमार्टम हाऊस के बाहर बनी ऊपरी दीवार भी ढह गई। लगातार हो रहे भूस्खलन से भवन को खतरा बना हुआ है। नहर के पानी से मिट्टी कटने से अब भवन के ढहने का खतरा बना हुआ है। इसके बावजूद भवन की सुरक्षा के लिए चिकित्सालय प्रशासन, सिचाई विभाग व प्रशासन ने कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई है। यदि जल्द भवन को बचाने के लिए इंतजाम नहीं किए तो कभी भी तेज बारिश में भवन को नुकसान पहुंच सकता है।
चिकित्साधीक्षक मणिभूषण पंत ने बताया कि पोस्टमार्टम हाऊस को सुरक्षित करने के लिए दो माह पहले शासन को पत्र लिखा गया है। एसडीएम रामनगर को भी आपदा निधि से निर्माण कराने के लिए कहा है। इसी को लेकर कार्रवाई चल रही है।