रुद्रपुर। सब कुछ ठीक ठाक रहा तो जल्द ही कुमाऊं मंडल का पहला डीएनए प्रयोगशाला रुद्रपुर में खुलेगा। इससे डीएनए जांच के लिए पुलिस को देहरादून के साथ ही अन्य राज्यों के लैब के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। इसके लिए विधि विज्ञान प्रयोगशाला के निदेशक डॉ. दयाल शरण ने शासन को 2.75 करोड़ का प्रस्ताव बनाकर भेजा है।
आपराधिक वारदातों में वैज्ञानिक साक्ष्य जुटाने के लिए वर्ष 2017 में रुद्रपुर किच्छा रोड पर विधि विज्ञान प्रयोगशाला (फोरेंसिक लैब) का शुभारंभ किया गया था। लैब शुरू होने के बाद विधि विज्ञान प्रयोगशाला के निदेशक डॉ. दयाल शरण की देखरेख में यहां पर आपराधिक मामलों में नारकोटिक्स और विसरा जांच के साथ ही ट्रेप केसों का भी परीक्षण किया जा रहा है। लेकिन डीएनए परीक्षण के लिए लैब में हर माह आने वाले कुमाऊं परिक्षेत्र के करीब 10-15 सैंपलों को देहरादून स्थित लैब में भेजना पड़ता है।
जबकि कुमाऊं का एकमात्र फोरेंसिक लैब रुद्रपुर में सिर्फ साइबर फोरेंसिक लैब ही है। डीएनए लैब के लिए रुद्रपुर प्रयोगशाला में भवन बना हुआ है लेकिन उपकरणों और वैज्ञानिकों का अभाव है। इसे देखते हुए विधि विज्ञान प्रयोगशाला के निदेशक डॉ दयाल शरण ने शासन को रुद्रपुर में डीएनए लैब में एक वैज्ञानिक अधिकारी, 2 वरिष्ठ वैज्ञानिक, 2 लैब सहायक, 2 प्रयोगशाला परिचर की तैनाती के साथ ही उपकरण सहित अन्य के लिए 2.75 करोड़ का प्रस्ताव भेजा है।
लैब बनने से ये होगा लाभ
- पैतृक संपत्ति विवाद के निस्तारण में डीएनए जांच
- लावारिश लाशों की पहचान
- हत्या के खुलासे में मदद
- पोक्सो और दुष्कर्म की जांच
भेजा गया है प्रस्ताव
विधि विज्ञान प्रयोगशाला रुद्रपुर के निदेशक डॉ. दयाल शरण ने बताया कि रुद्रपुर विधि विज्ञान प्रयोगशाला में डीएनए प्रयोगशाला संचालित करने के लिए भवन तैयार है। लेकिन वैज्ञानिक और उपकरण नहीं हैं। इसके लिए शासन को 2.75 करोड़ का प्रस्ताव बनाकर भेजा गया है। प्रस्ताव स्वीकृत होते ही आगे की कार्रवाई तेज कर दी जाएगी।