हल्द्वानी : त्योहारी सीजन के बीच एक कर्मचारी संगठन की हड़ताल ने मंगलवार को परिवहन निगम के अफसरों को संकट में डाल दिया। हालांकि जैसे-तैसे बसों को रूट पर भेजा गया। बरेली मार्ग पर दो-दो चक्कर लगवाकर सवारियां ढोई गई। जिस वजह से यात्रियों को बस स्टेशन पर इंतजार भी करना पड़ गया। दिल्ली से वापसी की सवारियां ज्यादा होने पर हल्द्वानी से कम सवारियों में भी बसें भेजी गई। अफसरों के मुताबिक बुधवार को भीड़ और बढ़ेगी।
दीवाली को लेकर दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद, फरीदाबाद, गुरुग्राम, बरेली के अलावा स्थानीय रूटों पर सवारियों की संख्या बढ़ जाती है। ऐसे में बसों की संख्या बढ़ाने के साथ फेरों में भी इजाफा करना पड़ता है। निगम को उम्मीद थी कि स्टाफ की उपलब्धता से इस बार ज्यादा दिक्कत नहीं आएगी, लेकिन समान कार्य-समान वेतन, स्थायी नियुक्ति समेत अन्य मांगों को लेकर उत्तराखंड रोडवेज इंप्लाइज यूनियन ने कार्य बहिष्कार कर दिया। जिस वजह से सुबह बसों के संचालन में दिक्कत आई। जिसके बाद रोडवेज ने अवकाश पर गए चालक-परिचालकों को ड्यूटी पर बुलाने के साथ-साथ बरेली समेत अन्य 100 किमी वाले रूटों पर एक चालक से दो-दो चक्कर लगवाए। ताकि यात्री अपने गंतव्य तक पहुंच सकें।
दो डिपो की 100 से ऊपर बसें
हल्द्वानी और काठगोदाम डिपो रोडवेज के सबसे बड़े डिपो माने जाते हैं। यात्रियों को ढोने के लिए इन दो डिपो ने मंगलवार को 100 से ज्यादा बसें रूट पर भेजी। हल्द्वानी के 27 चालक हड़ताल में शामिल थे। इसके बावजूद संचालन नहीं रोका गया। वहीं, सूत्रों की मानें तो निगम मुख्यालय आंदोलन में शामिल कर्मचारियों को चिन्हित कर जल्द कार्रवाई भी करेगा।