हल्द्वानी :सबसे पहले कार्य बहिष्कार का ऐलान करने वाली रोडवेज कर्मचारी संयुक्त परिषद ने चार घंटे पहले बुधवार रात आठ बजे परिवहन निगम के अफसरों संग वार्ता के बाद आंदोलन से हाथ पीछे खींच लिया। वहीं, अब संयुक्त मोर्चे के नाम से बने चार अलग-अलग यूनियनों के गठबंधन पर पूरा दारोमदार है। मोर्चे द्वारा आज यानी गुरुवार रात 12 बजे के बाद संचालन ठप करने की घोषणा है। हालांकि, शाम तक साफ होगा कि वार्ता के बाद भी मोर्चा आंदोलन पर अडिग रहेगा। या फिर बिखर जाएगा।
आर्थिक मोर्चे पर उत्तराखंड परिवहन निगम की स्थिति लगातार खराब हो रही है। कोरोना काल ने और संकट में डाल दिया। जिस वजह से छह हजार कर्मचारी व अफसरों को वेतन तक नहीं मिल पा रहा। वहीं, हाल में परिवहन निगम की बोर्ड बैठक में जारी आदेश कि संचालन बेहतर होने तक आधी-आधी सैलरी ही दी जाएगी। इसे लेकर कर्मचारियों का आक्रोश दोगुना हो गया। परिवहन निगम में वर्तमान में पांच कर्मचारी संगठन सक्रिय है।
उत्तरांचल रोडवेज कर्मचारी यूनियन, रोडवेज कर्मचारी संयुक्त परिषद, एससी-एसटी फेडरेशन, उत्तराखंड इंप्लाइज यूनियन व परिवहन मजदूर संघ। इसमें रोडवेज कर्मचारी संयुक्त परिषद को छोड़ अन्य चार यूनियन संयुक्त मोर्चे के बैनर तले एकजुट हो गए। परिषद ने 14 जुलाई की रात 12 बजे व संयुक्त मोर्चे ने 15 जुलाई की रात 12 बजे से कार्य बहिष्कार का ऐलान किया था। हालांकि, परिषद ने बुधवार देर शाम खुद को आंदोलन से अलग कर दिया। अब मोर्चे की बारी है।
अब सीएम निपटाएंगे मामला
रोडवेज कर्मचारियों के वेतन-भत्ते आदि का मामला अब सीएम पुष्कर सिंह धामी खुद सुलझाएंगे। बुधवार को हुई बैठक में कैबिनेट ने उन्हें इसके लिए खुद स्वीकृत किया है। कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि निगम की आर्थिक स्थिति बेहतर बनाने और सुधारात्मक उपायों के लिए सीएम कर अध्यक्षता में कमेटी गठित की गई है। इसमें विभागीय मंत्री यशपाल शर्मा और विभागीय सचिव व न्याय सचिव भी शामिल होंगे।