हल्द्वानी। प्रदेश सरकार की ओर से दो दिवसीय बंदी के फैसले का व्यापारियों ने विरोध किया है। व्यापारियों का कहना है कि सरकार ने लॉकडाउन के नियमों के विपरीत जाकर फरमान जारी किया है। इसके चलते व्यापारियों में नाराजगी व्याप्त है। व्यापारियों का कहना है कि संपूर्ण लॉकडाउन के दौरान विशेष सेवाओं को छोड़कर सभी कार्यस्थल व सभी दुकानें बंद होनी चाहिए, जबकि सरकार ने शराब की दुकानें व होटल को संचालन की अनुमति दी है, जहां कोरोना संक्रमण बढ़ने की अधिक संभावना है। प्रशासन के ढुलमुल रवैये से व्यापारियों की नाराजगी है।
जानिये क्या बोली व्यापारी
ट्रांसपोर्ट कारोबारी दयाकिशन शर्मा का कहना है कि सरकार को कोरोना से बचाव से ज्यादा राजस्व की चिंता है। लॉकडाउन के नियमों का सरकार खुद ही उल्लंघन कर रही है। टैंट कारोबारी हर्षवर्धन पांडे ने कहा कि शराब की दुकानों पर सबसे अधिक भीड़ एकत्रित होती है। ऐसे में सरकार को फरमान जारी करने से पहले सोचना चाहिए था। ट्रासंपोर्टर नरेंद्र भौर्याल का कहना है कि जिलाधिकारी के आदेश सूचना से हमेशा व्यापारियों को असंमजस रहता है। इससे कारोबार प्रभावित होता है। कॉस्मैटिक व्यवसायी मनीष जोशी का कहना ह कि व्यापारी सरकार के समर्थन में हमेशा खड़ा रहता है, लेकिन सरकार व्यापारियों के हित में नहीं सोचती है।
कच्चा माल खराब की आशंका
लॉकडाउन को लेकर लोगों में असमंजस है। खासखर राशन की दुकानों के मामले में गाइडलाइन स्पष्ट नहीं है। कुछ दुकानें खोली गई तो बाकी बंद करवा दी। दुकानदारों का कहना है कि ऐसी स्थिति में दूध, दही जैसे कच्चा माल खराब हो जाएगा। प्रशासन को कम से कम एक दिन पहले स्पष्ट गाइडलाइन जारी करते हुए लॉकडाउन का एलान करना चाहिए था।
लाॅकडाउन को लेकर कारोबारियों में संशय
नैनीताल: सरकार की ओर से दो दिन के लिए लाकडाउन घोषित होने के बाद कारोबारी संशय में नजर आए। रात को घोषित गाइडलाइन की कई कारोबारियों को जानकारी ही नहीं मिली। जिससे आवश्यक सेवाओं से जुड़ी दुकानों के साथ ही कई दुकानें खुली मिली। बाद में पुलिस ने दुकानों को बंद करवाया। स्थानीय व्यापारियों का कहना है कि रात को शासन से गाइडलाइन जारी तो की गई, लेकिन जिला प्रशासन द्वारा किसी व्यापारी को गाइडलाइन को लेकर स्पष्ट जानकारी नहीं दी गयी। जिससे दुकानों को खोलने और समय को लेकर असमंजस है।