रुद्रपुर। जीत का नशा सिर पर न चढ़े और हार से सबक मिले। उत्तराखंड शतरंज चैंपियन सक्षम रौतेला की मां किरन रौतेला का दिया यह मूलमंत्र काम कर गया। सक्षम की जीत के लिए कारगर हथियार साबित हुआ। वर्ष 2016 से सक्षम के पास लगातार उत्तराखंड के चैंपियन और इंटरनेशनल मास्टर का भी खिताब हैै।
कुमाऊं के बागेश्वर निवासी सक्षम रौतेला ने वर्ष 2006 में मात्र आठ वर्ष की आयु में शतरंज खेलना शुरू किया तो पिता बालम सिंह रौतेला को होनहार बेटे की प्रतिभा का भान हो गया। सक्षम के छोटे भाई सछ्वव ने भी शतरंज की चालें सीखीं। बागेश्वर से किच्छा पहली बार सक्षम ने स्टेट चैंपियनशिप में प्रतिभाग कर अपना परचम लहरा दिया। मां किरन रौतेला ने पूरा साथ दिया। हर स्पर्धा में हौसला बढ़ाया। नतीजा, आठ वर्ष की कड़ी मेहनत के बाद सक्षम उत्तराखंड का चैंपियन बन गया। 2020 में उसने उत्तराखंड के पहले इंटरनेशनल मास्टर का खिताब हासिल करने का गौरव प्राप्त किया।
सक्षम ने हासिल की 2480 रेटिंग
सक्षम शतरंज के क्षेत्र में किसी पहचान का मोहताज नहीं। लगातार तीन बार सक्षम ने 2480 रेटिंग हासिल की है। 12वीं का यह छात्र इस समय यूएस यूनिवर्सिटी ऑफ टैक्सस में प्रवेश की तैयारी कर रहा है।