लोनिवि अस्थाई खंड भवाली में कार्यरत अनुरक्षक की मौत के बाद विभाग ने उनकी विधवा को न तो मृतक आश्रित पद पर नियुक्ति दी और ना ही ग्रेच्युटी ग्रेच्युटी का भुगतान किया। अब हाई कोर्ट ने आठ सप्ताह के भीतर विधवा को पांच लाख 32 हजार से अधिक ग्रेच्युटी तथा पूरी पेंशन का भुगतान करने के आदेश पारित कर याचिका को निस्तारित कर दिया। कोर्ट के आदेश से विधवा को न्याय मिला है। नैनीताल तहसील अंतर्गत अमृतपुर निवासी विद्या देवी ने याचिका दायर कर कहा कि उनके पति दयाकिशन लोनिवि भवाली खंड मेें अनुरक्षक थे। 14 अक्टूबर 2020 को पहाड़ी से गिरने से उनकी मौत हो गई। विभाग ने न तो उन्हें पेंशन दी, और ना ही ग्रेच्युटी का भुगतान किया। विभाग का कहना था कि उन्हें अतिरिक्त भुगतान किया जा चुका है। विद्या देवी ने पेंशन व ग्रेच्युटी आदि के भुगतान के लिए हाई कोर्ट में याचिका दायर की। सात जुलाई 2021 को कोर्ट ने अंतरिम आदेश पारित कर विद्या देवी को प्रोविजनल पेंशन देने के आदेश पारित किए तो विभाग ने प्रति माह दस हजार प्रोविजनल पेंशन का भुगतान किया। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता हरेंद्र बेलवाल ने कोर्ट को बताया कि विभाग ने विधवा को न तो ग्रेच्युटी का भुगतान किया और ना ही उसे मृतक आश्रित पद पर नियुक्ति दी। न्यायमूर्ति शरद कुमार शर्मा की एकलपीठ ने याचिका को निस्तारित करते हुए ग्रेच्युटी का पांच लाख 55 हजार रुपये ब्याज समेत तथा पूरी पेंशन का आठ सप्ताह के भीतर भुगतान करने के आदेश पारित किए।
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