नैनीताल। डीएनए सैम्पलिंग के लिए सीजेएम कोर्ट में पेशी के आदेश के खिलाफ विधायक महेश नेगी हाईकोर्ट पहुंच गए हैं। कोर्ट ने निचली अदालत के आदेश पर फिलहाल रोक लगाते हुए सरकार व विपक्षियों को जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं। अगली सुनवाई 13 जनवरी को होगी।
पिछले दिनों आदेश के बाद विधायक नेगी निचली कोर्ट में हाजिर नहीं हुए थे। विधायक नेगी ने अधिवक्ता के माध्यम से स्वयं को बीमार बताया था। 11 जनवरी को पीड़िता की बेटी और विधायक दोनों को देहरादून सीजेएम कोर्ट बुलाया गया था। सीजेएम कोर्ट देहरादून ने विधायक को डीएनए सैम्पलिंग के लिए उपस्थित होने के आदेश दिए थे। सितम्बर में कोर्ट के आदेश से महिला की शिकायत पर विधायक के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ था। सीजेएम के आदेश के खिलाफ विधायक ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की। विधायक के अधिवक्ता राजेंद्र कोटियाल व रवि जोशी ने बहस करते हुए निचली अदालत के आदेश को गलत करार दिया। न्यायाधीश न्यायमूर्ति एनएस धानिक की एकलपीठ ने मामले को सुनने के बाद सीजेएम कोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी।
दरअसल, विधायक नेगी पर एक महिला ने दुष्कर्म का आरोप लगाया था। पीड़ित महिला का आरोप है कि विधायक ने कई शहरों में ले जाकर उसके साथ गलत काम किया, जिससे एक बेटी भी पैदा हुई है। पीड़िता का दावा है कि विधायक ही उसकी बेटी के जैविक पिता हैं। आज सुनवाई के बाद कोर्ट ने निचली अदालत के आदेश पर रोक लगा दी है। सरकार व विपक्षियों को जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं। 13 जनवरी को अगली सुनवाई होगी।