नैनीताल। कोरोना कर्फ्यू में ढील दिए जाने के साथ ही नैनीताल, मसूरी जैसे पर्यटन स्थलों पर उमड़ रही भारी भीड़ पर हाईकोर्ट ने चिंता जताई है। अदालत ने कहा कि प्रदेश के पर्यटन स्थलों में उमड़ रहे सैलानी कोविड नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं। सरकार की ओर से की गईं व्यवस्थाएं धराशायी हो गई हैं। अदालत ने इन सबके मद्देनजर सरकार को निर्देश दिए हैं कि वह सप्ताहांत में पर्यटकों के लिए कोरोना कर्फ्यू में दी गई छूट पर पुनर्विचार करे और इस बारे में लिए गए फैसले से अवगत कराए।
अदालत ने राज्य सरकार को 28 जुलाई तक विस्तृत शपथपत्र पेश करने के निर्देश दिए। सुनवाई में नवनियुक्त मुख्य सचिव डॉ. सुखबीर सिंह संधू, स्वास्थ्य सचिव अमित नेगी, पर्यटन सचिव दलीप जावलकर, एडिशनल सचिव डॉ. आशीष चौहान वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से पेश हुए। अदालत ने सरकार को सप्ताहांत में पर्यटकों के लिए दी गई छूट पर पुनर्विचार करने के निर्देश देने के साथ ही डेल्टा प्लस वैरिएंट के नमूनों की जांच रिपोर्ट का विवरण भी तलब किया। यह बताने को कहा कि जहां से नमूने लिए गए हैं उन जिलों के अधिकारियों ने सावधानी के लिए क्या कदम उठाए हैं, राज्य के कितने सरकारी व कितने निजी अस्पतालों में एमआरआई है और कितनों में नहीं है।