नैनीताल। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की कोर्ट ने छात्र की मौत मामले में लापरवाही के दोषी शेरवुड कॉलेज के प्रधानाचार्य अमनदीप संधू, वार्डन रवि कुमार व सिस्टर पायल को धारा 304 के तहत दो-दो साल की कैद व 50-50 हजार जुर्माने की सजा सुनाई है।
सीआरपीसी के तहत तीन साल से कम सजा पर अंतरिम जमानत का प्रावधान है तो तीनों अभियुक्तों को एक एक माह की अंतरिम जमानत दे दी गई। एक माह की अवधि के भीतर अभियुक्तों को जिला एवं सत्र न्यायाधीश की कोर्ट से नियमित जमानत के लिए प्रार्थना पत्र जमा करना होगा।
मृतक छात्र की मां की ओर से पेश विशेष अभियोजन हरीश पांडे ने बताया कि इसी अवधि में जुर्माने की राशि भी जमा करनी होगी। अंतरिम जमानत मंजूर होने के बाद तीनों को रिहा कर दिया गया।
मामला नवंबर 2014 का है। नेपाल निवासी शान प्रजापति शेरवुड कालेज में कक्षा नौ का छात्र था। आठ नवंबर को उसका स्वास्थ्य खराब हो गया था। 12 नवंबर को स्वास्थ्य अधिक खराब होने पर कालेज प्रशासन ने उसे पहले हल्द्वानी के निजी अस्पताल में भर्ती कराया। वहां से उसे दिल्ली रेफरी कर दिया गया। दिल्ली ले जाते समय उसकी रास्ते मे ही मृत्यु हो गई।
मामले में छात्र की मां नीना श्रेष्ठ ने कालेज के प्रिंसिपल अमनदीप संधू, वार्डन रवि कुमार व सिस्टर पायल पर इलाज कराने में देरी एवं लापरवाही करने का आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज कराया। मृतक छात्र के रूम पार्टनर और कालेज के डॉक्टर समेत 15 लोगों ने गवाही दी। गवाहों ने कोर्ट को बताया कि शान की तबीयत आठ नवंबर से ही खराब थी लेकिन उसे अस्पताल नहीं ले जाया गया।
कालेज के डॉक्टर ने कोर्ट को बताया कि उन्हें भी स्वास्थ्य अधिक खराब होने की जानकारी नहीं दी गई। कालेज के लोग सिर्फ फोन पर दवा पूछते रहे। जब छात्र हल्द्वानी पहुंचा तब उन्हें पता चला कि वह कई दिनों से बीमार था। कोर्ट ने अभियोजन व बचाव पक्ष की दलील सुनने के बाद प्रधानाचार्य, हॉस्टल वार्डन व सिस्टर को दोषी करार दिया है।