लोहाघाट : जम्मू कश्मीर में आइटीबीपी वाहन दुर्घटना में बलिदान हुए चम्पावत जिले के देवीधुरा पखोटी गांव निवासी सुबेदार मेजर नंदन सिंह चम्याल पंचतत्व में विलीन हो गए।
बुधवार को खीर गंगा नदी तट पर श्मशान घाट में बलिदानी की अंत्येष्टि हुई। इस मौके पर छमनिया चौड़ स्थिति 36वी आइटीबीपी जवानों ने अंतिम सलामी दी।
अप्रैल माह में छुट्टी पुरी कर घर से खुशी-खुशी गए जवान सुबेदार मेजर का बुधवार को पार्थिव शरीर घर पर पहुंंचा। शोक में डूबे स्वजनों सहित पूरे गांव में पार्थिव शरीर पहुंचते ही रुदन मच गया। तीन दिनों से अद्र्धबेहोशी की हालत में पहुंचे माता, पिता, पत्नी, बच्चे और स्वजनों की दशा दयनीय है।
पार्थिव शरीर के पहुंचते ही पिता लाल सिंह चम्याल, माता कलावती देवी, पत्नी निर्मला देवी, बेटी, प्रिंयंका, बेटा प्रवीन जैसे ही बलिदानी का चेहरा देखने के लिए लाए तो गांव के सभी लोग रोने लगे।
पार्थिव शरीर को देखकर संगे साथी बोले अभी कुछ दिन पूर्व ही नंदन घर से हंसता खेलता चेहरा लेकर गया हुआ था। आज मृत चेहरा गांव पहुंचा है। साथी भी बिलख रहे थे।
इस मौके पर आइटीबीपी जवानों की टुकड़ी ने बलिदानी को अंतिम सलामी दी। सुबेदार मेजर के बड़े बेटे चेतन सिंह और छोटे बेटे प्रवीन सिंह चम्याल ने चिता को मुखाग्नि दी।
एसडीएम पाटी मनीष बिष्ट, कीर्ति बल्लभ शास्त्री,गौरव चम्याल, त्रिभुवन चम्याल के अलावा आसपास गांवों से भारी संख्या में ग्रामीण बलिदानी के घर पर पहुंचे और उसके अंतिम दर्शन कर जब तक सूरज चांद रहेगा नंदन तेरा नाम रहेगा के नारे लगाए।