स्मार्ट पुलिसिंग के आगे शातिर माही फेल, सीएम ने सराहा; पढ़ें कैसे हुआ हत्‍याकांड का पर्दाफाश

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हल्‍द्वानी: कारोबारी को कोबरा से डसवाकर मरवाने में माही ने जितनी भी चालाकी दिखाई हो, वह स्मार्ट पुलिसिंग के आगे फेल हो गई। सर्विलांस व सीसीटीवी कैमरे की मदद से पुलिस ने वारदात के तीसरे दिन सपेरे को पकड़कर सलाखों के पीछे भेजा।

वहीं छठे दिन मुख्य हत्यारोपित माही व उसके प्रेमी को भी पकड़ लिया। आइजी ने रुद्रपुर में सीएम पुष्कर सिंह धामी को इस मामले से अवगत कराया। सीएम ने एसएसपी समेत पूरी टीम की सराहना कर बधाई दी।

इस मामले का पर्दाफाश करना आसान नहीं था। मृतक के पैरों में सांप से काटने की पुष्टि हो चुकी थी। हर कोई मान बैठा था कि सांप के काटने से अंकित चौहान की स्वाभाविक मौत हुई है। इधर, पोस्टमार्टम हो रहा था, उधर एसएसपी पंकज भट्ट ने सीसीटीवी फुटेज खंगालने वाले एक्सपर्ट जवान इसरार नबी व अन्य को लगा दिया।

साथ ही एसओजी को अलर्ट कर कोतवाल को घटनास्थल पर भेजा। पुलिस ने फुटेज से एक कार व स्कूटी को ट्रैप कर रूटमैप तैयार कर लिया। कार व स्कूटी एक साथ गौला बाइपास के रास्ते भुजियाघाट तक दिखे। इसके बाद कार वापस उसी स्थान पर पहुंची। पुलिस को यहीं से मामला संदिग्ध लगने लगा। अब इंजतार पोस्टमार्टम रिपोर्ट का हो रहा था।

16 को जैसे ही दोनों पैरों में सांप के काटने के निशान मिले। पुलिस ने मौत को हत्या मानकर घेरबंदी शुरू कर दी थी। आसपास के थाना व चौकी इंचार्ज भी हत्यारोपितों की तलाश में लगा दिए गए। आपसी तालमेल दिखा। सर्विलांस से काल डिटेल खंगाली तो पुलिस पहले हत्यारोपित सपेरे को पकड़ लाई। इसके बाद शनिवार को माही व उसके प्रेमी पुलिस के बिछाए जाल में फंस गए।

पुलिस को भटकाने की कोशिश करते रही माही
गिरफ्त में आने के बाद माही ने पुलिस को भटकाने की कोशिश की। उसने पुलिस को बताया कि वह अंकित से प्यार करती थी और शादी करना चाहती थी लेकिन अंकित उससे शादी नहीं कर रहा था। इसलिए उसने उसे मारने की प्लानिंग की। पुलिस अधिकारियों को कहना है कि माही अपने बचाव में यह कहानी रच रही थी।

अंकित से मुलाकात की वजह “कार”
पुलिस पूछताछ में माही ने बताया कि वह वर्ष 2016 से दीप कांडपाल से मिली। दीप उसके हर छोटे-बड़े कामों में हाथ बंटाने लगा था। दीप से उसके शारीरिक संबंध बने। वर्ष 2020 में उसकी मुलाकात किसी जानने वाले की मदद से अंकित चौहान से हुई।

वह कार खरीदने के लिए अंकित के शोरूम में गई थी लेकिन कार नहीं खरीदी। इसी दौरान दोनों के बीच बात, मुलाकात, दोस्ती और फिर प्यार हो गया। अंकित अक्सर उसके घर में पहुंच जाता था और उसके व्यक्तिगत जीवन में दखल देने लगा। उसे रोका-टोका जाता था। इससे पहले दोनों साथ में बैठकर शराब पीते थे।

माही के मददगारों को नहीं बख्शा जाएगा: आइजी
आइजी डा. नीलेश आनंद भरणे ने कहा है कि माही के फरार होने पर उसके घर के कुर्की की तैयारी कर दी थी। शनिवार को वह पकड़ी गई। उन्होंने बताया कि माही को मदद करने वालों के नाम सामने आ रहे हैं। मददगारों को बख्शा नहीं जाएगा।

जीजा बोले, अंकित की हत्या से टूट गया परिवार
मुख्य हत्यारोपित के पकड़े जाने के बाद अंकित चौहान के स्वजन खुलकर मीडिया के सामने आए। कोतवाली में उनके जीजा ललित मेलकानी, पुरुषोत्तम वर्मा व विकास बत्रा ने कहा कि अंकित की हत्या से पूरा परिवार टूट गया है। भाई अभिमन्यु चौहान ने कहा कि उनका पुलिस पर विश्वास बढ़ा है। ललित मेलकानी ने बताया कि इस मामले की मास्टमाइंड माही ने अंकित को बड़ी साजिश के तहत कोबरा से डसवाया। इससे पहले अंकित को अपने जाल में फंसाया। उन्हें शुरू से शक था कि अंकित की हत्या हुई है।

इस मामले को लेकर उन्होंने एसएसपी पंकज भट्ट से भी मुलाकात की। जहां से उन्हें इंसाफ का आश्वासन मिला। वारदात के बाद पुलिस ने सपेरे और अब दो हत्यारों को पकड़कर यह साबित कर दिया कि उनसे कोई बच नहीं सकता है। उन्होंने एसएसपी समेत पूरी पुलिस टीम का धन्यवाद किया है। साथ ही बताया कि अंकित का जाना परिवार के लिए बड़ी क्षति है। जिसकी अब कभी भरपाई नहीं हो सकेगी। मुख्य हत्यारोपितों के पकड़े जाने पर हुई प्रेसवार्ता के दौरान अंकित की बहनें आई थी।

वहीं कोतवाली में दर्जनों चाहने वाले व स्वजन की भीड़ थी। 2008 में छोड़ा घर माही ने पुलिस को बताया है कि उसने 2008 में अपना घर छोड़ दिया था। बचपन में उसके साथ एक ऐसी घटना घटी जिसे अब वह याद नहीं करना चाहती। इसके बाद भाई उसे परेशान करने लगा। उसने तभी से अलग रहने का निर्णय लिया और घर से दूर गोरापड़ाव पहुंच गई। 2017 में उसने अर्जुनपुर में प्लाट खरीदकर मकान बनाया।

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