भवाली। प्रदेश सरकार भले ही स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर करने के लाख दावे करती रही हो लेकिन धरातल पर आज भी पहाड़ के अस्पताल सुविधाओं के अभाव में राम भरोसे चल रहे हैं। यही कारण है कि मरीजों को उपचार के लिए हायर सेंटर रेफर होना पड़ रहा है। नैनीताल जनपद के पर्वतीय विकासखंड रामगढ़, धारी और बेतालघाट के मध्य भवाली में बनाया गया सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र आज भी डॉक्टरों और स्टाफ कर्मियों की कमियों का सामना करना रहा है।
डॉक्टरों और स्टाफ नर्सों का अभाव
सीएचसी में स्टाफ नर्स के दस पद स्वीकृत होने के बावजूद वर्तमान समय में केवल तीन ही स्टाफ नर्स उपलब्ध है। जबकि सीएचसी में रोजाना 70 तक मरीज इलाज के लिए आ रहे हैं। साथ ही गर्मियों में मरीजों की संख्या 100 से 150 तक पहुंच जाती है। सीएचसी में चिकित्सकों के 10 पद स्वीकृत हैं। लेकिन स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ, पैथालॉजिस्ट और फिजीसियन के मुख्य पद खाली है। जिससे मरीजों को हल्द्वानी, बरेली, देहरादून और दिल्ली के अस्पतालों में निर्भर रहना पड़ता है।
स्टाफ नर्सों की कमी के चलते नर्सों को रात और दिन ड्यूटी करने को मजबूर होना पड़ता है। वहीं दुर्घटना होने पर एक साथ कई घायलों के आने पर स्टाफ नर्सों के कारण परेशानियों का सामना करना पड़ता है। अस्पताल में एक्सरे, अल्ट्रासाउंड होने से लोगों को समस्याओं का अधिक सामना नहीं करना पड़ता है। वहीं दो फार्मासिस्ट उपलब्ध होने के साथ दवाओं की कमी नहीं है। सीएचसी में कोविड का टीका नियमित रूप से लगाया जा रहा है।
सीएचसी में रुटीन की जांचें सभी प्रकार के खून की जांचें निशुल्क की जा रही हैं। स्टाफ नर्सों की कमी के कारण कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है। अस्पताल में रोगियों को बेहतर सेवा उपलब्ध कराई जा रही है। अगर स्टाफ नर्सों और स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ और पैथालॉजिस्ट के पदों में नियुक्ति हो जाए तो मरीजों को और बेहतर चिकित्सा सेवाएं प्रदान की जाएगी।
डॉ. सुधीर कन्याल, चिकित्सा प्रभारी भवाली