हरिद्वार डीएफओ के खिलाफ आंदोलन खत्‍म करेंगे, पर काम पर लौटने को तैयार नहीं वनकर्मी

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हल्द्वानी : हरिद्वार डीएफओ के ट्रांसफर को लेकर आंदोलन में जुटे वन विभाग के मिनिस्ट्रीयल कर्मियों ने आचार संहिता और कोरोना गाइडलाइन के चलते फिलहाल धरने को स्थगित कर दिया है। लेकिन अभी कर्मचारी काम पर लौटने को तैयार नहीं है। जबकि नो वर्क-नो पे के आदेश भी जारी हो गए। एसोसिएशन पदाधिकारियों का कहना है कि प्रांतीय नेतृत्व के आहृवान पर ही आंदोलन शुरू किया गया था। उनकी अपील पर ही कार्य बहिष्कार खत्म किया जाएगा। फिलहाल प्रांतीय पदाधिकारियों की तरफ से कोई आदेश नहीं पहुंचा।

हरिद्वार डीएफओ डीएस मीणा के खिलाफ वन विभाग के मिनिस्ट्रीयल कर्मी 19 दिसंबर से आंदोलन में हैं। कर्मचारियों का कहना है कि अफसर का व्यवहार अपनी डिवीजन के स्टाफ संग बेहद बुरा है। ऐसे में उनके संग काम करना मुश्किल है। मिनिस्ट्रीयल कर्मी आत्मसम्मान की लड़ाई लड़ रहे हैं। इसलिए डीएफओ के ट्रांसफर पर ही वापस काम पर लौटेंगे। शुरूआत में कई दिन तक सिर्फ धरना दिया गया। लेकिन पांच दिन पहले कार्य बहिष्कार का एलान कर दिया गया।

मिनिस्ट्रीयल एसोसिएशन को इस आंदोलन में अन्य यूनियनों का साथ भी मिल गया। हालांकि, अभी वह हड़ताल में शामिल नहीं हुए थे। इधर, वन मुख्यालय ने बिना काम वेतन नहीं देने का आदेश जारी कर दिया। मगर मिनिस्ट्रीयल एसोसिएशन का कहना है कि वह प्रांतीय नेतृत्व के कहने पर ही आगे का निर्णय लेंगे। आज दोपहर में देहरादून में वार्ता की भी संभावना है। वहीं, कार्य बहिष्कार की वजह से रेंजर से लेकर डीएफओ दफ्तर तक के काम अटके हैं।

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