हरिद्वार में होम गार्ड भर्ती के चयनित अभ्यर्थियों की सूची पर हाईकोर्ट ने रोक लगाई

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नैनीताल : हाई कोर्ट नैनीताल ने हरिद्वार में होम गार्ड भर्ती घोटाले के मामले के दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति विपिन सांघी व न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खंडपीठ ने होमगार्ड्स भर्ती में जारी सूची पर अग्रिम आदेश पर रोक लगा दी।

कम्पनी कमांडेंड व जिला कमांडेंड होमगार्ड्स से मांगा जवाब

मामले में कोर्ट ने सरकार व कमांडेंड जनरल होम गार्ड से पूछा है कि दोषियों के खिलाफ अभी तक कार्रवाई क्यों नही की गई। दो सप्ताह में जवाब दें। कम्पनी कमांडेंड होमगार्ड्स राकेश कुमार व जिला कमांडेंड होमगार्ड्स हरिद्वार को नोटिस जारी किया है। अगली सुनवाई को 13 सितम्बर की तिथि नियत की है।

2017-18 में हुई थी होम गार्ड भर्ती

हरिद्वार निवासी योगेंद्र सैनी ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि हरिद्वार में 2017-18 में होम गार्ड भर्ती में करीब डेढ़ करोड़ रुपये का घोटाला हुआ है। याचिकाकर्ता का आरोप है कि कई अयोग्य अभ्यर्थियों से मोटी रकम लेकर कंपनी कमांडेंड व जिला कमांडेंड ने होमगार्ड की भर्ती की गई जबकि योग्य अभियोर्थीओ को इससे वंचित कर दिया।

शिकायत पर भी नहीं हुई कार्रवाई

याचिकाकर्ता का यह भी कहना है कि उसके द्वारा एसएसपी, नागरिक सुरक्षा मुख्यालय देहरादून, उच्च अधिकारियों सहित राज्यपाल से भी इसकी शिकायत कर जांच कराने की मांग की, लेकिन कोई कार्यवाही न होने पर उसे उच्च न्यायलय की शरण में आना पड़ा।

अभ्यर्थियों ने खाते में जमा किए थे रुपए
सूचना के अधिकार के तहत मांगे गए दस्तावेजों में गौतम कुमार जिला कमांडेंड के खाते में एक लाख रुपये सुखदेव हरिद्वार ने, दो लाख रुपये नीरज चौधरी श्रीनगर गढ़वाल और चार लाख 31 हजार रुपये अन्य सात लोगों के चेक व नकद के रूप में जमा किये गए थे।

नियमों को दरकिनार कर भर्ती
याचिकाकर्ता का आरोप है कि इस भर्ती घोटाले में राकेश कुमार कम्पनी कमांडेंट भी शामिल हैं, जो अभ्यर्थियों से पैंसे लेकर उनके बिना शारीरिक परीक्षण के भर्ती करा रहे हैं। जिसके साक्ष्य कोर्ट में पेश किए गए हैं। याचिकाकर्ता के अधिक्वता ने कोर्ट को बताया कि भर्ती प्रक्रिया नियमों को दरकिनार करके की गई है। ऐसे अभ्यर्थियों का चयन किया गया, जो फिजिकली अयोग्य थे।

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