नैनीताल। नैनीताल हाईकोर्ट द्वारा कैबिनेट के चारधाम यात्रा शुरू करने के निर्णय पर रोक लगाने के मामले में प्रदेश सरकार सुप्रीम कोर्ट में दस्तक देने की तैयारी कर रही है। इसके लिए हाईकोर्ट का लिखित निर्णय उपलब्ध होने का इंतजार किया जा रहा है। इसके अध्ययन के बाद सरकार आगे कदम बढ़ाएगी।
कैबिनेट ने कोरोना संक्रमण के कम होते मामलों को देखते हुए एक जुलाई से चारधाम यात्रा शुरू करने का निर्णय लिया था। यह यात्रा उन तीन जिलों के स्थानीय निवासियों के लिए शुरू की जा रही थी, जहां चारधाम स्थित हैं। चारधाम यात्रा को लेकर हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई थी, जिस पर कोर्ट ने सरकार से यात्रा शुरू करने को लेकर कार्ययोजना की जानकारी मांगी। इसके लिए प्रदेश सरकार ने मानक प्रचालन कार्यविधि (एसओपी) तैयार कर कोर्ट में प्रस्तुत की। हाईकोर्ट ने इसे अस्वीकार करते हुए चारधाम यात्रा शुरू करने के कैबिनेट के निर्णय पर रोक लगा दी।
हाईकोर्ट के इस निर्णय पर कैबिनेट मंत्री व शासकीय प्रवक्ता सुबोध उनियाल ने कहा कि सभी व्यवस्था पूर्ण करने के बाद ही तीन जिलों के लिए चारधाम यात्रा शुरू करने का निर्णय लिया गया था। इसके लिए एसओपी भी बनाई गई। इसमें चारों धामों के लिए प्रतिदिन 750 यात्रियों को ही दर्शन की अनुमति देने की व्यवस्था की गई। यात्रियों का आरटीपीसीआर और एंटीजन टेस्ट के साथ ही पंजीकरण भी अनिवार्य किया गया। प्रत्येक धाम के लिए नोडल अधिकारी तैनात करने की भी व्यवस्था की गई। इसके बाद ही यात्रा शुरू की जा रही थी। अब हाईकोर्ट के निर्णय का अध्ययन किया जाएगा। जरूरत पड़ी तो सरकार सुप्रीम कोर्ट भी जाएगी।