नैनीताल। हाई कोर्ट ने आदेश का अनुपालन नहीं करने पर सख्त रूख अपनाया है। कोर्ट ने ऊर्जा निगम के प्रबंध निदेशक से कहा है कि या तो पूर्व में पारित आदेश का अनुपालन करें वरना 18 फरवरी को कोर्ट में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर बताएं कि अब तक आदेश का पालन क्यों नहीं किया गया।
न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की एकलपीठ के समक्ष ऊधमसिंह नगर निवासी अवधेश कुमार शर्मा व अन्य की अवमानना याचिका पर सुनवाई हुई। जिसमें कहा था कि 26 मार्च 2014 को कोर्ट ने आदेश पारित कर याचिकाकर्ताओं को विनियमित करने के साथ सभी हित लाभ देने के निर्देश दिए थे। याचिकाकर्ता के अनुसार वह ऊर्जा निगम में लाइन कुली के पद पर कार्यरत थे। उन्होंने औद्योगिक विवाद उठाते हुए कहा था कि उनकी सेवाओं को विनियमित किया जाए और उनको विनियमितीकरण के समस्त लाभ दिए जाएं। श्रम न्यायालय ने वाद को स्वीकार करते हुए 21 मई 1992 से नियमित करने व समस्त हित लाभ देने के निर्देश दिए।
इस आदेश को ऊर्जा निगम द्वारा हाई कोर्ट में याचिका दायर कर चुनौती दी गई। इस पर हाई कोर्ट ने श्रम न्यायालय के आदेश का पालन करने को कहा। याचिकाकर्ता के अनुसार उन्हें 2009 से नियमित किया गया है जबकि आदेश 1992 से नियमित करने का था। उनको कोई हित लाभ भी नहीं दिया गया। एकलपीठ ने सख्त रूख अपनाते हुए कहा कि वे हाईकोर्ट के पूर्व में पारित आदेश का पालन करें वरना 18 फरवरी को ऊर्जा निगम के एमडी व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में उपस्थित हों।