हाईकोर्ट ने गुरुवार को प्रदेश में जिला नियोजन समितियों (डीपीसी) के चुनाव नहीं कराने के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की। कोर्ट ने सरकार से पूछा है कि जिला नियोजन समितियों के चुनाव कब तक कराएं जाएंगे, 12 नवंबर तक कोर्ट को बताएं। सुनवाई के लिए 12 नवंबर की तिथि नियत की गई है। सुनवाई मुख्य न्यायाधीश आरएस चौहान व न्यायमूर्ति एनएस धनिक की खण्डपीठ में हुई।
जिला पंचायत संगठन के प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप भट्ट की ओर से जनहित याचिका दायर की गई है। इसमें कहा है कि सरकार प्रदेश में जिला नियोजन समितियों के चुनाव नहीं करा रही है। चुनाव आयोग की ओर से भी सरकार को डीपीसी के चुनाव संपन्न कराने के लिए कहा गया था। लेकिन सरकार की ओर से कोविड महामारी को चुनाव नहीं कराने का कारण बताया जा रहा है। जबकि कई जगहों में डीपीसी के निर्विरोध चुनाव भी संपन्न हो गए हैं।
सरकार की ओर से पूर्व में शपथपत्र पेश कर कहा गया था कि सरकार, डीपीसी के चुनाव हरिद्वार के पंचायत चुनावों के बाद कराने को तैयार है। इस पर कोर्ट ने नाराजगी व्यक्त की थी। याचिकाकर्ता का यह भी कहना है कि चुनाव नहीं होने से प्रदेश के 12 जिलों में विकास कार्य ठप है। जो विकास कार्य हेतु बजट आ रहा है उसे जिलाधिकारी खर्च कर रहे हैं। जबकि यह बजट डीपीसी के सदस्यों द्वारा अपने क्षेत्र के विकास हेतु खर्च किए जाने का नियम है।