हाई कोर्ट ने उत्तराखंड नर्स एंड मिडवाइव्ज काउंसिल देहरादून को नर्स के रूप में पंजीकरण के दिए निर्देश

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नैनीताल: हाई कोर्ट ने उत्तराखंड नर्स एंड मिडवाइव्ज काउंसिल देहरादून को बागेश्वर की याचिकाकर्ता का नर्स के रूप में पंजीकरण करने के निर्देश दिए हैं। न्यायाधीश न्यायमूर्ति रवींद्र मैठाणी की एकलपीठ में बैजनाथ बागेश्वर निवासी पूनम अल्मियां की याचिका पर सुनवाई हुई।

सुनवाई में कहा गया है कि उसने जुलाई 2022 में नैंसी कालेज आफ नर्सिंग ज्योलीकोट से बीएससी नर्सिंग का चार वर्षीय कोर्स पूरा किया।

प्रोविजनल डिग्री के बाद नर्स एंड मिडवाइव्ज काउंसिल में आवेदन
हेमवती नंदन बहुगुणा उत्तराखंड चिकित्सा शिक्षा विश्वविद्यालय ने उसे प्रोविजनल डिग्री भी प्रदान की, जिसके बाद उसने नर्स एंड मिडवाइव्ज काउंसिल में रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन किया लेकिन उसका रजिस्ट्रेशन स्वीकार नहीं करते हुए काउंसिल ने कहा कि उसके इंटरमीडिएट में इंडियन नर्सिंग काउंसिल से निर्धारित न्यूनतम 45 प्रतिशत अंक नहीं हैं।

कोर्स में प्रवेश के दौरान नहीं छिपाए थे अंक
पूनम ने कहा कि उसके निर्धारित मानक से अधिक अंक हैं। उसने कोर्स में प्रवेश लेते समय अंक छिपाए नहीं थे। अब जब उसने चार साल का कोर्स कर लिया है, उसका रजिस्ट्रेशन नहीं किया जा रहा है, जो कि उसके साथ अन्याय है। इन तथ्यों के बाद कोर्ट ने नर्स एंड मिडवाइव्ज काउंसिल से याचिकाकर्ता का नर्स के रूप में रजिस्ट्रेशन करने के निर्देश दिए हैं ।

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