रानीखेत। फर्जी शैक्षिक प्रमाण पत्रों के सहारे शिक्षक बन सरकारी सेवा का लाभ उठाने वाले व्यक्ति को सल्ट पुलिस ने मरचूला के पास से गिरफ्तार कर लिया। आरोपित बीते दो वर्षों से फरार चल रहा था। पुलिस ने आरोपित को न्यायालय में पेश किया जहां से उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।
विकासखंड सल्ट के विभिन्न विद्यालयों में 22 वर्षों तक फर्जी प्रमाण पत्रों के सहारे सहायक शिक्षक बनकर सरकारी सेवा देने वाले ग्राम औरंगाबाद, थाना शिवाला कंला तहसील चांदपुर जनपद बिजनौर (उत्तर प्रदेश) निवासी खवानी सिंह पुत्र स्वर्गीय पूरन सिंह को सल्ट पुलिस ने रामनगर रोड स्थित मरचूला क्षेत्र से गिरफ्तार किया।
खवानी सिंह पर आरोप है कि उसने वर्ष 1996 में फर्जी दस्तावेज तैयार कर शिक्षा विभाग में नियुक्ति पाई। 22 वर्षों तक बकायदा उसने सल्ट ब्लॉक के तीन विद्यालयों में सेवाएं दी तथा राजकीय सेवाओं का लाभ उठाता रहा। वर्ष 2018 में एसआईटी जांच होने पर मामले का खुलासा हुआ। जांच में शैक्षिक प्रमाण पत्र फर्जी पाए गए।
तब तक उक्त शिक्षक के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मुकदमा भी दर्ज कर लिया गया तब से आरोपित फरार चल रहा था। बीते सोमवार देर शाम थानाध्यक्ष सल्ट धीरेंद्र कुमार पंत के नेतृत्व में गठित टीम ने आरोपित को रामनगर रोड स्थित मरचूला से गिरफ्तार कर लिया। इस दौरान जीवन सिंह ग्वाल, विरेन्द्र सिंह, शंभू सिंह, नरेंद्र सिंह आदि मौजूद रहे।
सल्ट के थानाध्यक्ष धीरेंद्र पन्त ने बताया कि पुलिस अधीक्षक अल्मोड़ा के निर्देश पर पिछले दो वर्षों से फरार चल रहे वांछित फर्जी शिक्षक को मुखबिर की सूचना पर मरचूला के पास क्रोकोडाइल प्वाइंट से पकड़ने में सफलता मिली है। आरोपित से सभी सूचनाएं जुटाई जाएंगी।