हल्द्वानी। नगर निगम ने बोर्ड की पहली बैठक में बिना चर्चा के ही करीब ढाई करोड़ रुपये का बजट खर्च कर दिया है। विपक्ष के पार्षदों ने इस बात पर नाराजगी जताई है। साथ ही निगम की कार्यप्रणाली को लेकर भी कठघरे में खड़ा किया है।
विभागीय सूत्रों के मुताबिक नगर निगम को पुराने बोर्ड का कार्यकाल समाप्त होने के बाद चैदहवें वित्त के तहत दो करोड़ 61 लाख 28 हजार रुपये का बजट जारी किया था। इससे एक तो निगम के बिजली और पानी बिल का बकाया चुकाया जाना था। साथ ही वार्डों में कुछ विकास कार्य करवाए जाने थे। लेकिन इस धनराशि को खर्च करने के लिए नगर निगम के बोर्ड की सहमति जरूरी थी, जिसमें यह चर्चा होती कि धनराशि का खर्च किस-किस मद में होगा। नया बोर्ड गठित होने के बाद दो दिसंबर को पहली बैठक हुई थी। इसमें आठ प्रस्ताव सदन में चर्चा के बाद पास हुए। जबकि नौवां प्रस्ताव बैठक के बाद शामिल किया गया। इसके तहत ही दो करोड़ 61 लाख 28 हजार रुपये का बजट जोड़कर बिना प्रस्ताव पास कराए ले लिया गया है। विपक्ष के पार्षदों का आरोप है कि आखिर इतने बड़े बजट खर्च का ब्योरा बैठक में उनके समक्ष क्यों नहीं रखा गया। नियमानुसार समस्त पार्षदों के समक्ष बजट का लेखा-जोखा रखा जाना चाहिए था। उधर, पार्षदों के सवालों पर निगम के अफसरों ने भी चुप्पी साध ली है। आगामी बैठक में इस मुद्दे को लेकर हंगामा होना तय है।
नगर निगम को चैदहवें वित्त के तहत यह बजट मिला था। प्रशासक के कार्यकाल के दौरान कुछ वार्डों में विकास कार्यों को पूरा करने के अलावा निगम प्रबंधन बिजली और पानी का बकाया चुकाने पर खर्च करेगा। पार्षद चाहें तो निगम आकर बजट के संबंध में पूरी जानकारी ले सकते हैं।
-डॉ.जोगेंद्र रौतेला, मेयर, हल्द्वानी, नगर निगम।
शासन से ढाई करोड़ के आसपास जो बजट जारी हुआ था। उसके खर्च का ब्योरा समस्त साठ पार्षदों के समक्ष रखा जाना चाहिए था। अगली बोर्ड बैठक में हम मेयर और नगर आयुक्त से जवाब मांगेंगे। आखिर निगम के आय व्यय का ब्योरा प्रत्येक पार्षद के संज्ञान में होना चाहिए।
-मो. गुफरान, पार्षद, वनभूलपुरा।