नैनीताल। मीटू के आरोप में फंसे बीजेपी के पूर्व संगठन मंत्री संजय कुमार की गिरफ्तारी पर फिलहाल उत्तराखंड हाई कोर्ट ने रोक लगा दी है। हाइकोर्ट की एकलपीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए सरकार से चार चप्ताह में जवाब तलब किया है। पीड़िता द्वारा मुकदमा दर्ज होने के बाद गिरफ्तारी से बचने के लिए के लिए संजय कुमार ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की थी।
राज्य में भाजपा प्रदेश कार्यालय में कार्यरत युवती ने पूर्व संगठन महामंत्री मंत्री संजय कुमार पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए पुलिस में मुकदमा दर्ज कराया था। संजय के युवती के साथ कथित बातचीत के ऑडियो भी वायरल हुए थे। इधर गिरफ्तारी से बचने के लिए संजयं ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की। न्यायाधीश न्यायमूर्ति एनएस धानिक की विशेष पीठ ने मामले में सुनवाई करते हुए फिलहाल गिरफ्तारी पर रोक लगा दी। साथ ही सरकार से चार सप्ताह में जवाब दाखिल के निर्देश दिए हैं।कोर्ट के फैसले से संजय को बड़ी राहत मिली है, जबकि भाजपा संगठन को भी बचाव का आधार मिल गया है।
यह है मामला
बीजेपी नेता संजय कुमार के खिलाफ पार्टी की ही एक महिला कार्यकर्ता ने उन पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है। लगातार हो रहे विरोध के बाद जब मामला आला हाई कमान तक पहुंचा, तो उन्हें उनके पद उत्तराखंड इकाई के महासचिव से हटा दिया गया था। पीड़िता का कहना था के पिछले छह महीने से पार्टी के पदाधिकारियों के आगे इंसाफ की गुहार लगा रही थी लेकिन किसी ने उसकी फरियाद नहीं सुनी। पीड़िता भाजपा प्रदेश कार्यालय में काम करती थी वहीं पर इसका परिचय संजय कुमार से हुआ था। महिला कार्यकर्ता ने संज के खिलाफ अनावश्यक रूप से फोन करने, अश्लील चैटिंग और अनुचित हरकतों के आरोप लगाए हैं।