नैनीताल। हाईकोर्ट ने बाघों के संरक्षण के मामले में शपथपत्र दाखिल न करने पर प्रमुख सचिव वन के खिलाफ जमानती वारंट जारी किया है। इसके साथ ही कोर्ट ने एसएसपी देहरादून को निर्देश दिए हैं कि वह 22 अप्रैल को प्रमुख सचिव को कोर्ट में पेश करें।
मुख्य न्यायधीश रमेश रंगनाथन एवं न्यायमूर्ति एनएस धानिक की खंडपीठ के समक्ष आज मामले की सुनवाई हुई। जानकारी के अनुसार ऑपरेशन आई ऑफ टाइगर इंडिया ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई थी। कोर्ट ने केंद्र व राज्य सरकार को शपथपत्र दाखिल करने के निर्देश दिए थे। केंद्र ने शपथपत्र में कहा कि राज्यों को 2017 में ही टाइगर प्रोटेक्शन फोर्स बनाने के निर्देश दिए थे।
कोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा कि केंद्र के सर्कुलर पर क्या कार्रवाई की गई। इस पर पहली अप्रैल तक शपथपत्र दाखिल करने को कहा था। इस दौरान सरकार ने कोर्ट को बताया कि उनके द्वारा 20 मार्च को ही प्रमुख सचिव को पत्र भेज दिया था। जिसके बाद कोर्ट ने प्रमुख सचिव को नौ अप्रैल को कोर्ट में पेश होने को कहा था। आज प्रमुख सचिव पेश नहीं हुए, लेकिन उन्होंने अपर सचिव को भेज दिया। कोर्ट ने बिना हाजिर माफी का प्रार्थना पत्र दिए उनकी अनुपस्थिति को बेहद गंभीरता से लेते हुए प्रमुख सचिव के खिलाफ जमानती वारंट जारी कर दिया।