नैनीताल : रामगढ़ ब्लॉक में आपदा के जख्म अब तक भर नहीं पाए हैं। यहां आपदा प्रभावित परिवार भीषण ठंड में एनजीओ द्वारा मुहैया कराए टेंट में रहने को मजबूर है। आपदा के समय शासन-प्रशान बहुत अधिक सक्रिय रहता है। पर बाद में सड़क, बिजली, पानी की आधारभूत सुविधाओं को सुचारू करना। पीड़ित परिवारों को दोबारा से बसाने की बहुत जरूरत होती है। इसमें अक्सर लापरवाही देखी गई है। कुछ एेसा ही इस पीड़ित परिवार के साथ भी हुआ। प्रशासन ने चंद रुपयों का चेक दिया फिर पूछा तक नहीं। बाद में एनजीओ के दिए टेंट में गुजारा हो रहा है। परिवार को मदद की बहुत जरूरत है।
रामगढ़ के बोहराकोट निवासी चंद्रप्रकाश का मकान आपदा में जमींदोज हो गया था। जिसके बाद प्रशासन द्वारा परिवार को सरकारी स्कूल में शिफ्ट कर दिया गया। सरकारी अमले में घर टूटने के एवज में उसे 3800 रुपये का चेक थमाकर पीठ फेर ली। इसी बीच एक गैर सरकारी संगठन ने सरकारी स्कूल परिसर में टेंट मुहैया करा दिया। साथ ही राशन आदि भी दिया मगर अब एक माह से अधिक समय होने को है प्रभावित परिवार टेंट में रह रहा है। अब स्कूल भी खुल गया है, ऐसे में बच्चों की पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है। टेंट में चंद्रप्रकाश के साथ ही पत्नी माधुरी, बेटा संतोष, पुष्कर, बहु नेहा, दस माह की नातिन प्रियांशी रह रहे हैं।
क्षेत्र के युवा सामाजिक कार्यकर्ता धीरज शर्मा ने बताया कि परिवार सरकारी भवन में शिफ्ट करने की मांग कर रहा है मगर कोई सुनने वाला नहीं है। साथ ही उसका पूरा घर टूट गया और मात्र 3800 रुपये की सहायता देकर पल्ला झाड़ लिया गया है। अन्य आपदा प्रभावित परिवार भी सरकारी अमले के इस रवैये से बेहद आहत हैं ।जिलाधिकारी धीराज गर्ब्याल का कहना है कि प्रभावित परिवार को जल्द शिफ्ट किया जाएगा। अतिरिक्त मदद भी दिलाई जाएगी।