नैनीताल। संवाददाता। उत्तराखंड के सबसे बड़े घोटालों में से एक 600 करोड़ रुपये से ज्यादा के छात्रवृत्ति घोटाले के आरोपी संयुक्त निदेशक गीता राम नौटियाल की गिरफ्तारी पर रोक के आदेश को हाईकोर्ट ने निरस्त कर दिया है। साथ ही कोर्ट ने गीता राम नौटियाल पर 25000 रुपये का जुर्माना भी लगाया है। बता दें कि 2 जुलाई को एसटीएससी आयोग के अध्यक्ष ने गीता राम नौटियाल की गिफ्तारी पर रोक लगा दी थी। आयोग के इस फैसले को हरिद्वार के पंकज कुमार ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। सुनवाई के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। यह फ़ैसला आज सुनाया गया।
हाईकोर्ट से सुप्रीम कोर्ट तक दौड़े थे
बता दें कि उत्तराखंड के समाज कल्याण विभाग में 600 करोड़ रुपये से ज्यादा का छात्रवृत्ति घोटाला सामने आया था। हाईकोर्ट के निर्देश के बाद शुरु हुई घोटाले की जांच में एसआईटी ने तत्कालीन समाज कल्याण अधिकारी गीताराम नौटियाल को आरोपी बनाया तो उन्होंने हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की मगर उनको कोई राहत नहीं मिल सकी।
हो चुकी हैं गिरफ़्तारियां कई
इसके बाद गीताराम नौटियाल ने एसटीएससी आयोग में याचिका दाखिल करते हुए अपना उत्पीड़न कार्रवाई होने की बात कही। इस पर एसटीएससी आयोग के अध्यक्ष ने उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी. इस आदेश को गलत बताते हुए हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई जिस पर हाईकोर्ट ने आज फ़ैसला सुनाया और एसटीएससी आयोग के आदेश को निरस्त कर दिया।
बता दें कि इस मामले में कई सरकारी अधिकारियों के अलावा छात्रवृत्ति हड़पने वाले छात्र, कॉलेज और दूसरे शिक्षा संस्थान शामिल हैं. इस घोटाले में अब तक कई गिरफ़्तारियां भी की जा चुकी हैं और गीता राम नौटियाल को भी गिरफ़्तारी का डर था।