देहरादून। संवाददाता। पूर्व मुख्यमन्त्री हरीश रावत विधायकों की कथित खरीद फरोख्त से संबंधित स्टिंग मामले में अगली सुनवाई अब एक अक्टूबर को होगी। हाईकोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की एकलपीठ में सुनवाई के दौरान रावत के अधिवक्ता डीडी कामथ, वीबीएस नेगी, अवतार सिंह रावत ने बहस करते हुए सीबीआई की इस मामले में दाखिल प्रारंभिक जांच रिपोर्ट को अवैध करार दिया। साथ ही इस रिपोर्ट को रिकॉर्ड में लेने की भारत सरकार व सीबीआई के अधिवक्ता राकेश थपलियाल की दलील का विरोध किया। अब पहली अक्टूबर को कोर्ट में इस पर बहस होगी कि प्रारंभिक रिपोर्ट को स्वीकार किया जाय या नहीं। कोर्ट में अनुच्छेद 356 को लेकर भी बहस हुई। करीब आधा घंटा बहस के बाद अगली सुनवाई पहली अक्टूबर नियत कर दी।
बता दे कि पूर्व में सीबीआई द्वारा कोर्ट में अपनी रिपोर्ट पेश की थी। जिसमें सीबीआई ने कहा है कि हरीश रावत के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने जा रहे है। रावत के अधिवक्ता ने साफ किया है गिरफ्तारी का कोई सवाल ही नहीं है। पूर्व मुख्यमन्त्री हरीश रावत ने याचिका दायर कर कहा है कि सीबीआई ने 2017 में कोंग्रेस की सरकार गिरने पर विधायकों की खरीद फरोख्त के कथित स्टिंग का मामला दर्ज करने जा रही है।