हाईकोर्ट ने बरकरार रखी लाडली दुष्कर्म व हत्याकांड के मुख्य आरोपी की फांसी की सजा

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नैनीताल हाईकोर्ट


नैनीताल। नैनीताल हाईकोर्ट ने हल्द्वानी के बहुचर्चित लाडली दुष्कर्म व हत्याकांड के मुख्य आरोपी अख्तर अली की फांसी की सजा को बरकरार रखा है।
2014 में हल्द्वानी के बहुचर्चित लाडली रेप व हत्याकांड के मुख्य आरोपी अख्तर अली को निचली अदालत से फांसी की सजा मिली थी। दूसरे आरोपी प्रेम पाल को पांच साल की सजा मिली थी। जबकि तीसरा आरोपी जूनियर मैस्सी बरी कर दिया गया था।

जस्टिस आलोक सिंह और जस्टिस रविंद्र मैठानी की डबल बेंच ने आज कोर्ट में मुख्य आरोपी की फांस की सजा बरकरार रखने का फैसला सुनाया। फैसला पूर्व में सुरक्षित रखा गया था जो आज सुनाया गया।

ये था मामलाः
20 नवंबर 2014 में छह साल की लाडली अपने परिवार के साथ हल्द्वानी रिश्तेदार के यहां शादी में आई थी। उसे वेडिंग प्वाइंट से अगवा कर लिया गया था। गायब होने के छह दिन बाद उसकी लाश मिली थी। पुलिस जांच में पता चला था कि आरोपियों ने बच्ची को टॉफी देने के बहाने बुलाया और उसे जंगल में ले गए।

जंगल में लाडली से सामूहिक दुष्कर्म के बाद उसकी हत्या कर दी थी। पुलिस ने करीब एक हफ्ते बाद मुख्य आरोपी अख्तर अली को चंडीगढ़ से गिरफ्तार किया था। आरोपियों को पकड़ने के लिए कई राज्यों में सर्च ऑपरेशन चलाया था। सर्च ऑपरेशन की कमान पुलिस अफसर सदानंद दाते पर थी।

इस हत्याकांड के बाद उत्तराखंड में लोगों ने जगह-जगह विरोध प्रदर्शन किए थे। विरोध जताते हुए हल्द्वानी और रुद्रपुर के वकीलों ने आरोपियों का केस लड़ने से इनकार कर दिया था।

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