जोश और जज्बा हो तो उम्र बाधक नहीं बनती। मूल रूप से छावनी परिषद (कैंट) नैनीताल के निवासी और वर्तमान में पुणे में रह रहे सेवानिवृत्त कर्नल डॉ. गिरजा शंकर मुनगली ने सत्तर वर्ष की उम्र में विमान से पैराजंपिंग कर सभी को हैरत में डाला है।
डॉ. मुनगली वायु सेना के पैराशूट ब्रिगेड महोत्सव तेरा रियूनियन 2022 में सदस्य रहे। उन्होंने रविवार को आगरा में वायु सेना के प्रशिक्षण कार्यक्रम में एयरवेज पर एक विमान से पैराजंपिंग की। इसमें उनके साथ 35 अन्य लोग भी शामिल थे। वह टीम में सबसे उम्रदराज थे।
डॉ. मुनगली सेना के साहसिक विभाग के प्रमुख रहे हैं। सेना में कई अहम मिशन में रहे डॉ. मुनगली भारत और बांग्लादेश के बीच संयुक्त रॉफ्टिंग अभियान में भी शामिल रहे। सेना में कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां निभाते हुए उन्होंने पढ़ाई जारी रखी और डाक्टरेट की उपाधि ली। उन्होंने हिमालय में कई ऊंची चोटियों को फतह करने के अभियानों को सफलतापूर्वक पूरा किया। इस समय वह एशियाई फुटबाल परिसंघ के टास्क फोर्स के सदस्य हैं।
कूदते वक्त रहता है खतरा
अपने अनुभव बताते हुए कर्नल डॉ. मुनगली ने बताया की प्लेन से कूदने के बाद जमीन पर सुरक्षित लैंड करने तक बहुत खतरा रहता है। जब तक पैराशूट पूरी तरह खुल नहीं जाता तब तक अत्यधिक साहस की जरूरत होती है।