काशीपुर। सिक्किम में शहीद हुए जवान हिमांशु नेगी घर में अकेला कमाने वाला था। हिमांशु का एक भाई दिव्यांग है और दूसरे का एक हाथ खराब है। छोटी बहन बीएससी में पढ़ रही है। इस दौरान हिमांशु के शहीद होने की सूचना से परिवार गम में डूब गया है।
हिमांशु के पिता हीरा सिंह नेगी ने बताया कि 27 मार्च 2019 को हिमांशु कुमाऊँ रेजीमेंट में बतौर सिपाही भर्ती हुआ था। घर में 90 वर्षीय दादी सरूली देवी, मां कमला देवी, भाई बिरेंद्र व चंदन है। उसकी छोटी बहन दीपा राम नगर के पीएनजी कॉलेज में बीएससी फर्स्ट ईयर की छात्रा है। हिमांशु के दादा जय सिंह भी फौज में सिपाही थे। वह भी 1980 में गंगटोक में ही शहीद हुए थे। हिमांशु का सपना था कि वह बहन और भाइयों को किसी लायक बनाए। बहन आर्मी में जाना चाहती थी। वह चाहता था कि चारों भाई-बहन एक साथ शादी करेंगे। पूरा परिवार उसकी शादी की राह देख रहा था। इसी दौरान आई इस मनहूस खबर ने सारी खुशियों को उजाड़ कर रख दिया।
शुक्रवार को है जन्मदिन
इसे विडंबना ही कहेंगे कि हिमांशु जैसा होनहार बेटा जन्मदिन से ठीक 2 दिन पहले इस दुनिया को अलविदा कह गया। स्वजनों ने बताया कि हिमांशु का जन्म 2 जुलाई 2000 को हुआ था। 2 जुलाई को वह 21 साल का होने वाला था। परिवार वाले जन्मदिन की खुशियां मनाने की तैयारी कर रहे थे कि इसी दौरान उसकी मौत की सूचना ने सब खत्म कर दिया। हिमांशु इसी 2 जून को 45 दिन की छुट्टी खत्म होने के बाद वापस सिक्किम लौटा था। छुट्टी पर रहने के दौरान उसने परिवार के साथ भविष्य को लेकर अपनी योजनाएं साझा की थी।
पिता को भेजा था गुड मॉर्निंग का मैसेज
पिता ने बताया कि हिमांशु ने बुधवार सुबह 4:00 बजे के आसपास उन्हें वाट्सएप पर गुड मॉर्निंग का मैसेज भेजा था। साथ ही बताया था कि अब हम लोग निकलने वाले हैं। हिमांशु को सत्तरहमहल से हासीमारा आना था।