हल्द्वानी : विधानसभा चुनाव के नजदीक आते ही हड़ताल का व्यापक असर देखने को मिल रहा है। डा. सुशीला तिवारी राजकीय चिकित्सालय में मंगलवार को उपनल कर्मचारियों ने फिर हुंकार भरी। उनका कहना है कि सरकार जिद पर अड़ी है। हमारी मजबूरी समझने को तैयार नहीं है। इस बार जब तक मांगे पूरी नहीं होती हैं आंदोलन जारी रहेगा। वहीं अस्पताल में हड़ताल के कारण संकट बढ़ता जा रहा है।
डा. सुशीला तिवारी राजकीय चिकित्सालय में उपनल कर्मचारी संघ के अध्यक्ष पीएस बोरा ने कहा कि हम लोग परेशान हैं। 10 से 15 वर्ष से कार्यरत हैं। कोविड से लेकर हर मुश्किल परिस्थिति में स्वास्थ्य सेवाओं को दुरुस्त करने के लिए तत्पर हैं। इसके बावजूद हमारी समस्या नहीं सुनी जा रही है। विधायक से लेकर मुख्यमंत्री को गुहार लगा चुके हैं। इसके बावजूद समान कार्य समान वेतन व नियमितिकरण की हमारी लंबित मांग पर कोई विचार नहीं किया जा रहा है।
जबकि हर बार हमें आश्वासन दिया जाता है कि अगली कैबिनेट बैठक में आपके मुद्दे पर को शामिल किया जाता है। कर्मचारी नेता मोहन रावत भी सरकार के रवैये से आक्रोशित हैं। बुद्ध पार्क में सभा को संबोधित करते हुए कहते हैं, उपनल कर्मचारी 10-12 हजार रुपये प्रतिमाह वेतन में कैसे खर्च चलाएंगे? यह सोचनीय विषय है। जबकि महंगाई लगातार बढ़ रही है। कई बार किराया व बच्चों की फीस देना तक मुश्किल हो जाता है।
संयुक्त कर्मचारी मोर्चा ने भी किया बुद्धि-शुद्धि यज्ञ
संयुक्त मोर्चा उपनल कर्मचारी संघ ने भी तिकोनिया में सरकार के लिए बुद्धि-शुद्धि यज्ञ किया। उन्होंने कहा कि सरकार को हमारी मांगें पूरी करने की बुद्धि आए। इसलिए इस तरह का यज्ञ किया जा रहा है। कर्मचारी नेता पूरन चंद्र भट्ट ने कहा कि हमारे आंदोलन में तमाम विभागों के कर्मचारी हैं। अगर सरकार हमारी मांग नहीं मानेगी तो हम भी अक्टूबर में अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे। इसकी पूरी जिम्मेदारी शासर-प्रशासन की होगी। मनोज जोशी ने कहा कि हमें बार-बार आंदोलन करते हुए अच्छा नहीं लग रहा है, लेकिन मजबूर हैं।