उत्तराखंड में दो दिन से हो रही बारिश ने गढ़वाल से लेकर कुमाऊं तक जमकर कहर बरपाया। सोमवार को कोटद्वार के जयहरीखाल में मलबा आने से मां-बेटी समेत तीन की मौत हो गई तो वहीं, चंपावत में मलबे की चपेट में आने से मां-बेटे ने जान गंवा दी।
सोमवार दोपहर लैंसडौन तहसील में गूमखाल और जयहरीखाल के बीच स्थित समखाल में भारी बारिश मजदूर परिवारों के लिए काल बनकर आई है। अचानक पहाड़ से गिरे मलबे में एक टेंट के दबने से मां-बेटी समेत तीन की मौत हो गई। दो लोग गंभीर रूप से घायल हैं। दोनों को जयहरीखाल में प्राथमिक उपचार के बाद कोटद्वार बेस अस्पताल में भर्ती कराया गया है। सूचना मिलते ही लैंसडौन कोतवाली पुलिस मौके पर पहुंची और बचाव कार्य शुरू कराया।
लैंसडौन के कोतवाल संतोष कुंवर ने बताया कि जयहरीखाल के पास एक होटल के निर्माण में काम कर रहे नेपाल निवासी श्रमिक पास के खेतों में टेंट लगाकर रह रहे थे। क्षेत्र में भारी बारिश के कारण सोमवार सुबह करीब साढ़े ग्यारह बजे पहाड़ी से मलबा आया और टैंट को अपनी चपेट में ले लिया।
मलबे में दबने से दो महिलाएं समूना (50) पत्नी नियाज, सपना (40) पत्नी लिंगडा और सपना की चार साल की बेटी अलीसा की मौके पर ही मौत हो गई। हादसे में पिता नियाज (56) और बेटी साबिया (16) गंभीर रूप से घायल हो गए। घटनास्थल राजस्व पुलिस क्षेत्र में होने के कारण राजस्व उपनिरीक्षक संजय सिह गुसाईं और वंदना टम्टा भी मौके पर पहुंच गए। उन्होंने पंचनामा भरकर शवों को पोस्टमार्टम के लिए कोटद्वार बेस अस्पताल भिजवाया।