कोरोना के चलते अपनी संवेदनशीलता क्यों खो रहे हैं आप , श्रीनगर में हुई ये दुःखद घटना

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उत्तराखंड में लोगों के अंदर कोरोना महामारी का खौफ इस कदर है कि ग्रामीण या सरकारी अमला कोई भी शव उठाने से डर रहा है। श्रीनगर में तबीयत खराब होने पर एक बुजुर्ग दंपती के फोन पर 108 एंबुलेंस सेवा गांव के बाहर मुख्य सड़क तक पहुंची लेकिन घर तक नहीं आई। बुजुर्ग दंपती घर से निकला तो रास्ते में महिला बेहोश होकर गिर पड़ी।बुजुर्ग जैसे-तैसे एंबुलेंस तक पहुंचा तो एंबुलेंस सिर्फ उसे लेकर बेस अस्पताल चली गई। वहीं रास्ते में गिरी महिला की मौत हो गई। कोरोना के भय से कोई भी उसके पास तक नहीं फटका। उसकी फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हुई तो स्वास्थ्य विभाग हरकत में आया लेकिन स्वास्थ्यकर्मी भी उसका शव उठाने के बजाए गांव में कुछ ग्रामीणों को पीपीई किट थमाकर लौट गए। बाद में मीडिया कर्मियों की सूचना पर प्रशासन की टीम ने उसका शव उठवाकर मोर्चरी में रखवाया।मामला विकास खंड खिर्सू की ग्राम पंचायत कोल्ठा के उज्जवपुलर गांव का है। देहरादून में रहने वाले महावीर (62) और उनकी पत्नी कमला देवी (60) कुछ दिन पहले गांव पहुंचे थे। तबीयत खराब हुई तो शुक्रवार सुबह उन्होंने 108 एंबुलेंस को फोन किया।एंबुलेंस कर्मियों ने गांव के बाहर मुख्य मार्ग पर पहुंचकर उन्हें फोन किया तो दोनों घर से निकले। रास्ते में महिला की ज्यादा तबीयत खराब हो गई। वह रास्ते में ही लेट गई। जबकि 108 बुजुर्ग को अस्पताल ले आई। इस बीच महिला रास्ते ही लेटी रही। कोरोना संक्रमण के भय से कोई भी ग्रामीण यह देखने नहीं आया कि महिला जिंदा या मर गई।गांव के रास्ते में महिला के पड़े होने की फोटो सोशल मीडिया में वायरल हो गई। मीडियाकर्मियों ने इसकी सूचना प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग को दी। सूचना पर पहुंची स्वास्थ्य विभाग की टीम ने भी पीपीई किट थमाकर इतिश्री कर ली। लेकिन किसी ने भी महिला को नहीं उठाया। बाद में सूचना पर प्रशासन की टीम ने शव को मोर्चरी पहुंचाया।

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