कोटद्वार। पौड़ी जिले के जयहरीखाल ब्लॉक स्थित ग्राम मठाली के बाशिंदे 18 वर्षों से एक अदद सड़क की बाट जोह रहे थे, लेकिन सड़क नहीं बनी। आखिरकार जब ग्रामीणों का धैर्य जवाब दे गया तो उन्होंने गैंती-फावड़े उठा स्वयं गांव को मुख्य सड़क से जोड़ने का निर्णय लिया। प्रवासियों ने सड़क निर्माण के लिए धन एकत्र कर ग्रामीणों का सहयोग किया। नतीजा, महज 14 दिनों की कड़ी मेहनत के बाद एक किमी सड़क बनकर तैयार हो गई।
जयहरीखाल ब्लॉक के ग्राम मठाली में करीब 70 परिवार रहते हैं। ढौंटियाल-बसड़ा-पीपलचैड़ मोटर मार्ग से गांव की दूरी महज एक किमी है, लेकिन विडंबना देखिए कि सड़क के लिए सर्वे शुरू किया गया घांघली से, जहां से मठाली की दूरी 12 किमी है। वर्ष 2002 में शासन ने घांघली-संदणा-मठाली मोटर मार्ग को स्वीकृति प्रदान करते हुए इसके निर्माण का जिम्मा लोनिवि लैंसडौन खंड को सौंपा। सर्वे व अन्य कार्यों के लिए प्रथम चरण में 56 लाख की धनराशि अवमुक्त हुई। इसके बाद निर्माण के लिए समय-समय पर धनराशि अवमुक्त होती रही। बावजूद इसके 18 सालों में सड़क के महज सात किमी हिस्से में ही कार्य हो पाया। पहले तीन किमी में सड़क को डामर बिछाने लायक बना दिया गया है, जबकि तीन से सात किमी में कटान होने के बाद अब द्वितीय चरण का कार्य होना है। शेष सात से 12 किमी में अभी शुरुआती कार्यों के लिए ही निविदाएं आमंत्रित हुई हैं।
प्रवासियों ने जुटाई 3.5 लाख की रकम
18 वर्षों से सड़क की बाट जोह रहे ग्रामीणों के लिए लॉकडाउन अवधि वरदान साबित हुई। लॉकडाउन में घर वापसी करने वाले 60 लोगों ने दिल्ली समेत अन्य राज्यों में रह रहे प्रवासियों से संपर्क कर सड़क बनाने के लिए मदद मांगी। इससे लगभग 3.5 लाख की धनराशि जमा हुई। सड़क काटने का कार्य 20 जून से शुरू होकर तीन जुलाई तक चला। ग्रामीण मनवर नेगी ने बताया कि इस अवधि में ग्रामीणों ने एक किमी सड़क काटकर गांव को ढौंटियाल-पीपलचैड़-बसड़ा मोटर मार्ग से जोड़ दिया। ग्राम प्रधान शिवदयाल ने बताया कि गांव को सड़क से जोड़ने के बाद पूरे गांव में खुशी की लहर है।
व्यय धनराशि लौटाने की उठाई मांग
जनसेवा मंच लैंसडौन की ओर से सड़क खुदान कार्य में व्यय धनराशि को लौटाने की मांग सरकार से की गई है। मंच की ओर से मुख्यमंत्री को भेजे ज्ञापन में कहा गया है कि सरकार कटान कार्य का सर्वे करवाकर पूर्व में हुए टेंडर निरस्त करे और सड़क पर व्यय हुई धनराशि ग्रामीणों को वापस लौटाए। यह ज्ञापन मंच संयोजक मनोज दास, संतू दास, मनवर सिंह, मदन नेगी, दीनदयाल सिंह आदि की ओर से भेजा गया है।