श्रीनगर। श्रीनगर गढ़वाल में जंगल में घास लेने गई महिला को निवाला बनाने वाले गुलदार को शिकारी जॉय हुकिल ने सोमवार को देर रात ढेर कर दिया। उनके साथ वन विभाग की टीम भी थी।
जानकारी के मुताबिक सोमवार को देर रात करीब 11 बजे बछेली गांव में आदमखोर गुलदार शिकारी की गोली का शिकार हो गया। बता दें कि विगत 23 अक्टूबर को बछेली के पास करें खाल के जंगल में उक्त आदमखोर ने श्रीनगर की महिला को मार डाला था।
धोबीघाट के ऊपर करेंखाल (बछेली) के जंगल में घास लेने गई एक महिला को गुलदार ने मार डाला था। दो अन्य महिलाओं ने किसी प्रकार भागकर जान बचाई थी। श्रीनगर के लोअर भक्तियाना निवासी मीनाक्षी नौटियाल (40 वर्ष) पत्नी हरीश अन्य महिलाओं के साथ घास लेने जंगल को निकली थी।
घास काटने के बाद सभी महिलाएं सुबह करीब सात बजे लौटने की तैयारी कर रही थी, तभी झाड़ियों में छिपे गुलदार ने अचानक मीनाक्षी पर हमला कर दिया और मौत के घाट उतार दिया।
भेल के लोगों में गुलदार की दहशत
हरिद्वार में पेशे से हेयर ड्रेसर की गुलदार के हमले से हुई मौत के बाद पूरे भेल क्षेत्र में दहशत पसरी हुई है। सुबह शाम घूमने के लिए निकलने वाले आमजन बेहद खौफजदा है। रोजाना गुलदार भेल क्षेत्र में दस्तक दे रहा है और मुख्य सड़क पर धमकता है। गुलदार की दहशत रोजाना बढ़ ही रही है।
दीपावली की पूर्व संध्या पर भेल सेक्टर चार में पेशे से हेयर ड्रेसर राजेंद्र ठाकुर का क्षत विक्षत शव जंगल में मिला था। साफ दिखाई दे रहा था कि उसे गुलदार ने निशाना बनाया है। वह शौच के लिए जंगल की तरफ गया था। यह पहली घटना लंबे समय बाद भेल क्षेत्र में घटी है।
हालांकि पिछले कई दिन से गुलदार की चहलकदमी भेल क्षेत्र में बनी हुई है। कई वीडियो तक गुलदार के वायरल हो चुकी है। विशेषकर भेल स्टेडियम के पीछे की सड़क से लेकर मुख्य अस्पताल तक रोजाना ही गुलदार दिखाई दे रहा है। इस मार्ग पर आमजन सुबह शाम घूमने निकलते हैं, लेकिन गुलदार की दहशत से कई लोगों ने यहां जाना छोड़ दिया है।
वक्त चाहे कोई भी हो, गुलदार दिखाई दे ही जाता है। युवक की मौत के बावजूद वन विभाग गुलदार को लेकर संजीदा नहीं दिखाई दे रहा है। अब गुलदार के मुंह इंसानी खून भी लग गया है, ऐसे में इंसानों पर हमले की संभावना भी कई गुना बढ़ गई है।
हाथियों के झुंड से भी आमजन परेशान
हाथियों ने भी भेल को हिलाकर रखा हुआ है। रोजाना हाथियों का झुंड मुख्य सड़क पर आ धमकता है। इस वजह से रोजाना ही रूट डायवर्ट करना पड़ता है। हालांकि वन विभाग के कर्मचारी चैकस रहते हैं और हाथियों को दौड़ाने के लिए हवाई फायरिंग भी करते हैं, लेकिन हाथियों का झुंड आमजन के लिए सिरदर्द बना हुआ है।