पिथौरागढ़ : नैनीताल और भीमताल की तर्ज पर अब पिथौरागढ़ में भी लोग जल्द नौकायन का आनंद ले सकेंगे। इसके लिए अब लोगों को सिर्फ पांच माह और इंतजार करना होगा। नाबार्ड के सहयोग से बन रही थरकोट झील ने आकार ले लिया है। जनवरी 2022 में लोगों को पिथौरागढ़ में प्रवेश करते ही पानी से लबालब भरी झील के दीदार होंगे। यह झील जिले के पर्यटन विकास को ही आकार नहीं देगी बल्कि लोगों के लिए रोजगार के नए द्वार भी खोलेगी।
पिथौरागढ़ में कृत्रिम झील बनाने का सपना एक दशक पूर्व देखा गया था, इसके लिए रई और थरकोट दो स्थल प्रस्तावित किए गए थे। रई में झील निर्माण ठंडे बस्ते में चला गया। जिला मुख्यालय से सात किलोमीटर दूर थरकोट में झील का सपना अब साकार होने को है। बीते वर्ष झील निर्माण का कार्य शुरू हुआ था। 750 मीटर लंबी, 75 मीटर चौड़ी और 15 मीटर गहरी झील की कटिंग का कार्य पूरा हो चुका है। 29.73 करोड़ की लागत से बन रही झील के निर्माण में अब तक 11 करोड़ की धनराशि खर्च हो चुकी है। झील निर्माण का कार्य पूरा करने के लिए समय सीमा तय कर दी गई है। जनवरी 2022 में इस झील का उद्घाटन होगा।
दो लाख घन मीटर जल क्षमता की होगी झील
थरकोट झील की क्षमता दो लाख घन मीटर जल की होगी। 750 मीटर लंबी इस झील में नौकायन कराया जाएगा। साथ ही आस-पास के गांवों को पानी भी इस झील से मिलेगा। स्थानीय लोगों को झील में मत्स्य पालन की सुविधा दी जाएगी। जिससे वे अपना रोजगार कर सकेंगे। झील निर्माण से थरकोट और आस-पास के गांवों में नमी का स्तर बढ़ेगा। इससे सब्जी उत्पादन बेहतर होने की उम्मीद है।
पिथौरागढ़ की चार दिशाओं में होंगे टूरिस्ट डेस्टिनेशन
थरकोट में झील का निर्माण हो जाने से पिथौरागढ़ मुख्यालय के चारों और टूरिस्ट डेस्टिनेशन तैयार हो जायेंगे। शहर के पूर्व में महाराज के पार्क, उत्तर में ट्यूलिप गार्डन, मोस्टामानू और दक्षिण में थरकोट झील होगी। यहां आने वाले पर्यटक अब मोस्टामानूं क्षेत्र में ट्यूलिप गार्डन में बैठकर हिमालय की चोटियों को निहार सकेंगे तो थरकोट झील में नौकायन का आनंद लेंगे। हवाई सेवा शुरू हो जाने के बाद जिला मुख्यालय में पर्यटन विकास को नई ऊंचाईयां मिलने की पूरी उम्मीद है।
डीएम डॉ. आशीष चौहान ने बताया कि थरकोट झील पिथौरागढ़ जिले के विकास में मील का पत्थर साबित होगी। नैनीताल और भीमताल की तरह यहां भी लोग जल क्रीड़ा कर सकेंगे। मत्स्य पालन के जरिए लोगों को रोजगार मिलेगा। झील निर्माण के लिए जनवरी 2021 तक की समय सीमा तय कर दी गई है। निर्माण एजेंसी सिंचाई विभाग को झील निर्माण के लिए रात दिन कार्य करने के निर्देश दिए गए हैं।