पिथौरागढ़/ मुनस्यारी/धारचूला : बारिश, बर्फबारी के बाद शनिवार को मौसम खुला, लोगों ने गूुनगुनी धूप का आनंद लिया। दोपहर तक आसमान में बादल छाए रहने और बर्फ पिघलने के चली ठंडी हवाओं से कड़ाकें की ठंड रही। दोपहर बाद धूप खिलने के बाद राहत मिली। भारी बर्फबारी से थल-मुनस्यारी सहित पांच मार्ग अभी भी बंद हैं। मुनस्यारी और धारचूला के कई क्षेत्र 72 घंटे से अंधेरे में डूबा है। बर्फीले क्षेत्रों में लोगों की दुश्वारियां यथावत बनी है। पेयजल लाइन जमी हैं। पैदल मार्ग भी बर्फ से पटे हैं। मुनस्यारी क्षेत्र में धूप खिलने के बाद लोग घरों की छत पर जमी बर्फ हटा रहे हैं।
पिथौरागढ़ नगर में गिरी बर्फ पिघल चुकी है। चंडाक, सौड़लेख, थलकेदार, ध्वज, बड़ाबे आदि क्षेत्रों में अभी भी बर्फ जमी है। बड़ाबे सहित आसपास के गांवों में अभी भी दिक्कतें बनी हैं। जिले मध्यम ऊंचाई वाले क्षेत्रों में गिरी बर्फ भी पिघल रही है। उधर मुनस्यारी में स्थिति अभी भी खराब है। थल-मुनस्यारी मार्ग में रातापानी से पातलथौड़ तक ढाई फीट बर्फ जमी है। मार्ग बंद है। जल्द मार्ग नहीं खुलने पर मुनस्यारी में साग, सब्जी, गैस व अन्य आवश्यक वस्तुओं की कमी के आसार बने हैं। लोनिवि बर्फ हटाने में जुटी है। यहां पर तैनात एक मात्र लोनिवि अवर अभियंता की चुनाव ड्यूटी लगने से बर्फ हटाने का कार्य प्रभावित हो रहा है।
धारचूला तहसील क्षेत्र में भी दारमा, व्यास, चौदास घाटियो का सम्पर्क भंग है। तवाघाट- लिपुलेख , सोबला- दारमा, नारायण आश्रम – सिर्खा मार्ग बंद हैं। तल्ला दारमा से लेकर चौदास घाटी बर्फ से पटी है। तीस हजार से अधिक की आबादी प्रभावित है। पैदल मार्ग बर्फ कें चलते बंद हैं। ग्रामीण अपने गांवों में ही कैद होकर रह गए हैं। दो तीन दिन धूप खिलने के बाद ही इस क्षेत्र में जनजीवन के पटरी पर आने के आसार हैं। कुछ गांवों में लंबे समय तक बर्फ रहेगी। निर्वाचन के लिए मतदान केंद्रों तक जाने वाली मतदान पार्टियों को परेशानी का सामना करना पड़ेगा।