कांग्रेस ने किसान सम्मान रैली कर डीडीहाट और पिथौरागढ़ विधानसभा क्षेत्र के मतदाताओं को रिझाने का प्रयास किया। इसमें महिला किसानों को सम्मानित किया गया। कांग्रेसी नेताओं ने मंच से केंद्र और राज्य सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि डबल इंजन की सरकार ने देश की जनता को डरा दिया है। लोग अपनी बात कहने से डर रहे हैं लेकिन चुनाव में जनता इसका हिसाब डबल इंजन को देगी।
झौलखेत मैदान में रविवार को कांग्रेस किसान सम्मान रैली हुई। इसमें पूर्व सीएम हरीश रावत ने कहा कि मैं किसान का बेटा हूं। मेरी मां किसान थी जो हल भी जुतवाती थी और खेत गोड़कर काम भी कराती थीं। उन्होंने कहा कि पिथौरागढ़ जिले में कांग्रेस काल में पूर्व विधायक मयूख महर ने कई काम कराए। पिथौरागढ़ में सबसे अधिक सड़कें बनीं। कांग्रेस शासन काल के कामों को भाजपा आगे नहीं बढ़ा पाई।
देश बेचने का काम कर रही केंद्र सरकार
नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने पूर्व विधायक महर की सराहना की। कहा कि महर के दिल में पिथौरागढ़ बसता है। प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव ने कहा कि केंद्र सरकार ने पांच साल पहले किसानों का कर्ज माफ करने, महंगाई कम करने, रोजगार देने की बात कही थी लेकिन वादे सरकार ने पूरे नहीं किए। उल्टा महंगाई को बढ़ा दिया। केंद्र सरकार देश बेचने का काम कर रही है।
पूर्व कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य ने कहा कि प्रदेश में परिवर्तन की लहर है। भाजपा के नेता कहते हैं कि दिल्ली से दून, दून से दिल्ली दो घंटे में जा सकते हैं लेकिन हल्द्वानी से पिथौरागढ़ सड़क मार्ग की क्या दशा है। मुख्यमंत्री लगातार कह रहे हैं, हमने रोजगार देने का काम किया है लेकिन पहाड़ का युवा पलायन करने के लिए मजबूर है। अगर उन्होंने काम किया तो श्वेत पत्र जारी कर बताएं कि क्या किया।
आर्य ने कहा कि जो चुनाव में कहा जाएगा उसे पूरा किया जाएगा। तराई की जनता ने मन बना लिया है। भाजपा सात के पार भी मुश्किल से पहुंच पाएगी। उन्होंने कहा कि 60 के पार की आवाज अब धीमी हो गई है। कांग्रेस के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष रणजीत रावत ने कहा कि पूर्व विधायक महर ने कांग्रेस की सरकार रहते हुए अपने विधानसभा के विकास कार्यों के लिए खुद ही धरना भी दिया। ऐसे नेता बेहद कम होते हैं।
पूर्व विधायक महर ने कहा कि तीन काले कृषि कानूनों के खिलाफ बैठे किसानों ने आजादी के संघर्षों को जीवंत कर दिया। किसानों ने गांधी के अहिंसा और सत्य के मार्ग पर चलकर केंद्र सरकार को काले कानून वापस लेने के लिए मजबूर कर दिया। आंदोलित किसानों ने देश और सरकार को नई दिशा दिखाई। रैली को कार्यकारी अध्यक्ष जीत राम, मनीष खंडूड़ी, भुवन पांडेय, ऋषेंद्र महर आदि ने संबोधित किया। इस दौरान कांग्रेस जिलाध्यक्ष त्रिलोक महर, पूर्व जिलाध्यक्ष मुकेश पंत, मनोज ओझा, महेंद्र लुंठी, प्रदीप पाल, जगत सिंह खाती, पवन माहरा, राजेंद्र भट्ट समेत कई कांग्रेसी शामिल रहे।