धारचूला : उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में तवाघाट-लिपुलेख मार्ग पर तंपा मंदिर के पास भारी भूस्खलन के कारण बंद होने से उच्च हिमालय में कैलास यात्रियों और स्थानीय लोगों को वायु सेना के एलएच हेलीकॉप्टर से रेस्क्यू कर धारचूला लाया गया।
चार दिन पूर्व मार्ग बंद होने से गुंजी में लगभग 105 आदि कैलास यात्री जिसमें केएनवीएन के भी 29 यात्री शामिल थे, फंस गए थे। फंसे लोगों को निकालने के लिए जिलाधिकारी डा. आशीष चौहान की पहल पर चिनूक हेलीकॉप्टर पिथौरागढ़ और वायु सेना का एलएच हैलीकॉप्टर धारचूला हैलीपैड पर तैनात था।
सोमवार को तीसरे दिन मौसम खुला। धारचूला में तैनात वायु सेना के हेलीकॉप्टर ने गुंजी के लिए उड़ाने भरी। दिन में छह चक्कर लगा कर 39 लोगों को गुंजी से धारचूला पहुंंचाया। जिसमें तीस आदि कैलास यात्री और नौ स्थानीय लोग शामिल हैं।
सोमवार को रेस्क्यू कर गुंजी से धारचूला पहुंंचाए गए आदि कैलास यात्रियों में दिल्ली, मुंबई, राजस्थान, महाराष्ट्र, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के यात्री शामिल हैं। हैलीपैड संचालक प्रधान सहायक महेश चंद्र जोशी ने बताया कि सोमवार दिन में पिथौरागढ़ से चिनुक हैलीकॉप्टर ने भी गुंजी के लिए उड़ान भरी परंतु छियालेख में मौसम खराब होने से वापस लौटना पड़ा।
एसडीएम नंदन कुमार ने बताया कि मंगलवार को मौसम ठीक रहने पर यात्रियों को निकालने के लिए हैलीकॉप्टर से रेस्क्यू किया जाएगा। गुंजी की सरपंच लक्ष्मी गुंज्याल ने बताया कि गुंजी में अभी भी 75 आदि कैलास यात्री और 15 से 20 स्थानीय लोग फंसे हैं। सरपंच ने प्रशासन से चिनुक से रेस्क्यू करने की मांग की है ताकि एक ही बार में फंसे लोगों को पिथौरागढ़ पहुंचाया जा सके । सोमवार को चिनुक गुंजी पहुंच जाता तो सभी फंसे लोग निकल गए होते ।