चीन सीमा पर समुद्र तल से 11 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित आईटीबीपी की अग्रिम चौकी मिलम वाईफाई सेवा से जुड़ गई है। वाईफाई सेवा शुरू होने से सीमा पर तैनात जवान इंटरनेट का इस्तेमाल कर अपने परिजनों को वीडियो कॉल भी कर पा रहे हैं। वाईफाई से जुड़ने के बाद आईटीबीपी के जवानों को सूचनाओं के आदान-प्रदान में सुविधा मिल पा रही है।
चीन सीमा पर तनाव बढ़ने के बाद भारत सरकार ने सीमांत की चौकियों तक आधुनिक सुविधाएं पहुंचाना शुरू कर दिया है। पहले यहां संचार सुविधा न होने से सीमा पर होने वाली गतिविधियों की जानकारी कैंप मुख्यालयों में उच्चाधिकारियों को पहुंचाने में दिक्कत होती थी।
सर्दी के मौसम में जवान कई किमी पैदल चलकर सूचनाओं को अधिकारियों तक पहुंचाते थे। इसमें काफी समय लग जाता था। मिलम के वाईफाई से जुड़ने के बाद जवान सीमा पर होने वाली हर गतिविधि की जानकारी उच्चाधिकारियों तक तुरंत पहुंचा पा रहे हैं। सूचनाओं के आदान-प्रदान से सीमा पर सुरक्षातंत्र पहले की तुलना में ज्यादा मजबूत हुआ है। सीमा पर रसद, खाद्य सामग्री की उपलब्धता पहले से अधिक जल्दी हो पा रही है।
अप्रैल-मई तक दुंग चौकी भी जुड़ जाएगी वाईफाई सेवा से
समुद्रतल से 13 हजार फुट की ऊंचाई स्थित आईटीबीपी की अग्रिम चौकी दुंग भी अप्रैल-मई तक वाईफाई से जुड़ जाएगी। बर्फबारी के कारण वाईफाई सेवा से चौकी को जोड़ने का काम ठप है। बर्फबारी कम होते ही दुंग चौकी में वाईफाई सेवा पहुंचाने का काम पूरा हो जाएगा।
बीआरओ ने लास्पा कैंप को भी वाईफाई से जोड़ा
बीआरओ सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण मुनस्यारी-मिलम सड़क बनवा रहा है। शीतकाल में बर्फबारी के बाद भी ग्रिफ के जवान सड़क निर्माण का कार्य कर रहे हैं। बीआरओ ने जवानों को आधुनिक सुविधाएं देकर कैंप को वाईफाई सेवा से जोड़ दिया है। इसका लाभ मजदूरों समेत ग्रिफ के 150 से अधिक जवानों और अधिकारियों को मिल रहा है।