धारा गांव के 47 परिवारों को राहत का इंतजार

0
371

पिथौरागढ़। मुनस्यारी के धापा सहित क्षेत्र के कई गांवों में भूस्खलन के कारण भारी नुकसान हुआ है। यहां के 47 परिवारों ने मकान छोड़ दिए हैं। यह सभी परिवार जंगल में टेंट लगाकर रहने को मजबूर हैं। कुछ लोगों ने अपना सामान गुफा में रखा है। वहीं सड़क के दो हिस्सों में बंटने से गांव तक जाने के लिए डेढ़ किलोमीटर की खड़ी चढ़ाई पड़ रही है। इस कारण अभी तक ग्रामीणों तक मदद नहीं पहुंच पाई है। 

19 जुलाई की रात हुई भारी बारिश से धापा गांव में भी काफी नुकसान हुआ है। गांव का जूनियर हाईस्कूल का भवन जमींदोज हो गया। कुछ घरों में मलबा घुस गया। धापा गांव से लौटे क्षेत्र के सामाजिक कार्यकर्ता हीरा सिंह चिराल ने बताया कि धापा में सड़क दो हिस्सों में बंट गई है। बारिश से आधा धापा गांव तबाह हो गया है। राजमा की खेती पूरी तरह से दब गई है।

गांव के निचले भाग में भूस्खलन होने से अब घर रहने लायक नहीं हैं। गांव के सभी परिवार जंगल में प्लास्टिक के टेंट लगाकर रह रहे हैं। गांव तक पहुंचने के लिए सड़क या पैदल रास्ता नहीं है। डेढ़ किमी खड़ी चट्टान के रास्ते से चलना पड़ रहा है।

बेहद कठिन रास्ता होने के कारण केवल एसओ और पटवारी ही गांव तक पहुंच पाए। अभी किसी तरह की मदद ग्रामीणों तक नहीं पहुंची है। ग्रामीणों ने मवेशी बांज के पेड़ों से खुले में बांधे हैं। रात को भी पहाड़ी से पत्थर गिरने से ग्रामीण ठीक से सो नहीं पा रहे हैं। सभी ग्रामीणों ने शीघ्र सड़क खोलने और पैदल रास्ता बनाने की मांग की है। 

LEAVE A REPLY