पिथौरागढ़ की पहाड़ियों पर लगी भीषण आग, चमोली में दो गोशालाएं चपेट में आई, धधकते जंगलों को बचाना हुआ मुश्किल

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पिथौरागढ़। उत्तराखंड में जंगलों की आग शांत नहीं हो रही है। शनिवार सुबह सीमांत जिले पिथौरागढ़ में जंगल की आग भड़क गई। यहां भी लगातार वन क्षेत्रों को नुकसान की खबरें आ रही है।  जिले के मुख्यालय से लगे जंगलों के साथ-साथ बेड़ीनाग, गंगोलीहाट कनालीछीना, डीडीहाट और अस्कोट के जंगलों में भीषण आग लगी हुई है।

डीएफओ कोको रोसे का कहना है कि आग को बुझाने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। आग की अधिकतर घटनाएं पंचायती वनों में हैं। दूसरी ओर गढ़वाल में गोपेश्वर के पठियालधार नर्सिंग कॉलेज के पास के जंगल में लगी आग को फायर कर्मियों ने कड़ी मशक्कत के बाद काबू कर लिया।

घरों की तरफ पहुंची आग से दो गोशालाएं भी जल गई, लेकिन अग्निशमन कर्मियों ने वहां बंधे छह पशुओं को सुरक्षित निकाल लिया। फायर सर्विस गोपेश्वर से मिली जानकारी के अनुसार बृहस्पतिवार रात करीब नौ बजे उन्हें सूचना मिली कि पठियालधार के जंगल में आग लगी है। आग तेजी से घरों की तरफ बढ़ रही है। फायर सर्विस की टीम दो फायर टेंडरों के साथ मौके पर पहुंची और आग बुझाने में जुट गई।
आग में धधके सुमाड़ी, खोला और खंडाह के जंगल
आग तेजी से नर्सिंग कॉलेज, आवासीय भवनों और सेंटर स्कूल की ओर बढ़ रही थी, जिसे कर्मियों ने समय रहते बुझा दिया। लेकिन यहां पर देवेंद्र और राजू की गोशाला आग की चपेट में आ गई। गोशालाओं में छह पशु बंधे थे। फायर कर्मियों ने भीषण आग के बीच पशुओं को रेस्क्यू कर सुरक्षित बचा लिया।श्रीनगर के समीप खोला, सुमाड़ी और खंडाह में रातभर जंगल आग में जलते रहे। सड़क मार्ग पर स्थित जंगल में अग्निशमन आग बुझाने में जुटा रहा, जबकि सुमाड़ी टावर के नीचे काफी बड़े क्षेत्रफल में आग बुझाने में वन विभाग के पसीने छूट गए। वहीं खोला में स्लीपर जलने के बाद वन विकास निगम के अधिकारी शुक्रवार को क्षति का आकलन करने पहुंचे।

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