पिथौरागढ़। बीते सप्ताह की भारी बारिश से ऊफनाई गोरी नदी में बना अस्थाई पुल बहने से टापू बने तहसील बंगापानी के घुरु ड़ी के ग्रामीणों के लिए हैलीकॉप्टर से राहत सामग्री पहुंचाई गई। विगत एक सप्ताह से राहत के लिए तड़प रहे आपदा प्रभावितों को खासी राहत मिली है।
गोरी नदी के उत्त्तरी हिस्से में स्थित घुरु ड़ी मनकोट गांव नदी के दक्षिणी हिस्से बरम, बंगापानी बाजारों पर निर्भर हैं। गांव से बाहर जाने का रास्ता गोरी नदी पार करने के बाद ही संभव है। यहां पर गोरी नदी पर एक ट्राली स्वीकृत है। ट्राली का निर्माण नहीं होने से ग्रामीणों ने खुद ही गोरी नदी पर अस्थाई पुल बनाते हैं जो प्रतिवर्ष गोरी नदी का जलस्तर बढ़ते ही बह जाता है। बीते दिनों की बारिश में गोरी नदी ने इस स्थान पर अपना कहर बरपाया। अस्थाई पुल बहने के साथ सारा प्रवाह घुरुड़ी की तरफ होने से गांव की सैकड़ों नाली भूमि, आम, अमरूद के बाग बह गए । गांव के मकान पूरी तरह खतरे में आ गए। साथ ही क्षेत्र का सम्पर्क भंग हो गया। ग्रामीण अपने रहमोकरम पर दिन बीता रहे थे।
शुक्रवार का दिन ग्रामीणों के लिए राहत भरा दिन रहा। जब प्रशासन ने गांव में हैलीकॉप्टर से राहत सामग्री पहुंचाई। गांव के लिए छह स्टेडिंग पोल टेंट, वी पोल टेट तीन , आठ तिरपाल, चार बड़े टेंट , दस बड़े राहत पैकेट हैलीकॉप्टर से गांव तक पहुंंचाए। टेंट , तिरपाल मिलने से मानसून काल में ग्रामीणों को सिर छिपाने के लिए हो जाएगा। ग्राम प्रधान मवानी दवानी मुन्नी देवी ने प्रशासन से गोरी नदी पर अविलंब स्वीकृत ट्राली लगाने के लिए लोनिवि अस्कोट को निर्देशित करने की मांग की है। घुरु ड़ी , मनकोट गांव विशिष्ट प्रजाति के अमरू द उत्पादन के लिए प्रसिद्ध है।