पिथौरागढ़ :समांत जिले पिथौरागढ़ में मौसम खुल चुका है, दिन में चटक धूप खिली लेकिन चीन सीमा से लगती तीन सड़क और पांच ग्रामीण मार्ग बंद होने से 80 हजार की आबादी की परेशानियां जस की तस हैं। विगत तीन माह से ग्रामीण जान हथेली पर रख कर आवाजाही कर रहे हैं। क्षेत्र में आवश्यक वस्तुओं का अभाव बना हुआ है। किसी के बीमार पडऩे पर अस्पताल तक पहुंचाना मुश्किल हो चुका है।
तीन माह पूर्व की बारिश से बंद तवाघाट-सोबला-तिदांग मार्ग के नहीं खुलने से तीन घाटियां तल्ला दारमा, मल्ला दारमा और चौदास घाटी अभी भी अलग-थलग पड़ी हैं। इन तीन घाटियों में 14 गांव उच्च हिमालयी भू भाग में हैं तो 26 से अधिक गांव उच्च मध्य हिमालयी हैं। इस क्षेत्र की आबादी 40 हजार से अधिक है। प्रभावित इन गांवों के ग्रामीण परेशान हैं। तवाघाट-सोबला-तिदांग मार्ग पर कंच्योती के पास पुल बहने से चौदास घाटी कटी हुई है। मुनस्यारी के डोबरी गांव में भू कटाव से सात परिवार खतरे में हैं। हल्का सा भी मौसम खराब होने पर इन परिवारों को दहशत में रात गुजारनी पड़ रही है।
तवाघाट-सोबला मार्ग पर तवाघाट से आगे नारायणपुर, खेत में मार्ग बंद है। तवाघाट से सोबला के बीच 17 किमी मार्ग बदहाल है। वाहन तो दूर रहे पैदल चलना तक मुश्किल हो रहा है। ग्राम प्रधान न्यू सुवा की पहल से कुछ मार्ग तो गांव के युवाओं ने खुद चलने भर योग्य बनाया। मार्ग पर वाहन चलने में अभी लंबी प्रतीक्षा के अंदेशा बना हुआ है। यह क्षेत्र जिले का सबसे दुर्गम क्षेत्र है। विशाल नदी, नाले वाले इस क्षेत्र के लोग नदी, नालों में डंडे डाल कर आवाजाही कर रहे हैं। स्थानीय लोगों के अनुसार मार्ग खोलने के नाम पर केवल खानापूर्ति की जा रही है।
तवाघाट-लिपुलेख मार्ग पर बीते दिनों बंद मार्ग कुछ स्थानों पर खुल गया है, लेकिन लंबे समय से चलसीता के पास मार्ग बंद होने से व्यास घाटी के सात गांवों के ग्रामीणों सहित सुरक्षा बलों और सेना के जवानों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। यही हाल मुनस्यारी-मिलम मार्ग का है। मार्ग बंद होने से दस हजार की आबादी प्रभावित है। पांच ग्रामीण मार्ग बंद रहने से ग्रामीण आबादी प्रभावित है। मुनस्यारी के मदकोट क्षेत्र के डोबरी गांव में बीते दिनों से हुए भूस्खलन के बाद भूमि के दरकने का सिलसिला जारी है। रात को हल्की बूंदाबांदी होने पर ग्रामीण सारी रात जाग कर बिता रहे हैं।