पिथौरागढ़ : पहाड़ की समस्याएं भी पहाड़ सरीखी ही हैं। अच्छी सड़क का अभाव, अस्पतालों की कमी यहां की नियति बन चुकी है।। तभी मरीज को अस्पताल पहुंचाने के लिए एंबुलेंस की जगह डोली या फिर ग्रामीणों की पीठ काम आती है। मरीजों को तेज लहरों के साथ शोर मचाती और उफान मारती नदियों के बीच से पारकर ले जाना होता है। सीमांत तहसील धारचूला में यहीं मामला फिर देखने को मिला है। जब तहसील के खुमती गांव में एक बेटा अपनी बीमार और बूढ़ी मां को पीठ पर लादकर नदी पार करते हुए अस्पताल पहुंचा।
गांव पर टूटा है बारिश का कहर
धारचूला तहसील का खुमती गांव पर बारिश का कटर खूब टूटा है। यहां अभी अन्य गांवों से अलग- थलग पड़ा हुआ है। बारिश से नदी- नाले उफान पर हैं। इसी दौरान गांव निवासी 78 वर्षीय जसमती देवी की तबीयत अधिक खराब होने से उसे अस्पताल तक पहुंचाने की चुनौती बन गई। उफान पर आई नदी पार करने की समस्या विकट थी, तो महिला की जान भी बचानी थी। ग्रामीण महिला को पीठ पर ढोकर नदी पार कर दूसरी तरफ पहुंचे, जहां से बीमार महिला को धारचूला पहुंचाया गया।
ढाई महीने से समस्या झेल रहे 1200 ग्रामीण
खुमती गांव की आबादी 1200 के आसपास है। ग्रामीण ढाई माह से इस समस्या को झेल रहे है। पुल के अभाव में बच्चे स्कूल तक नहीं जा पा रहे हैं।