बारिश का कहर : पानी के बहाव में मकान के साथ मासूम भी बह गया, पांच घंटे बाद बेहोश मिला

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धापा गांव आपदा प्रभावित गांव है। गांव में शनिवार रात बारिश ने जमकर कहर ढाया। बारिश से मध्य रात्रि गांव में नाले बहने लगे। भूस्खलन की चपेट में आकर प्रयाग सिंह धपवाल का मकान बह गया। प्रयाग इस समय माइग्रेशन में अपने उच्च हिमालयी गांव में हैं। घर में प्रयाग की पत्नी अपने पांच साल के बेटे तन्मय को लेकर जान बचाने को घर से बाहर दौड़ पड़ी। इस दौरान तन्मय का हाथ छूट गया। मां बदहवास-सी अपने कलेजे के टुकड़े को खोजने लगी।

मुनस्यारी (पिथौरागढ़) : बरसात का कहर आफत बन कर टूट रहा है। मुस्यारी के मिलम मार्ग पर स्थित गाँव धापा में बरसाती नाले में मकान के साथ पांच साल का मासूम भे बह गया परन्तु ऊपर वाले की कृपा रही की 5 घंटे बाद वह सही सलामत मिल गया।

जिले में पांच साल का तन्मय धपवाल मौसम का तांडव देख सिहर उठा। शनिवार रात मूसलधार बारिश में नाले के पानी के बहाव में अपने मकान को बहते देखा। जान बचाने को मां संग भागते समय हाथ छूटने से नाला उसे भी बहा ले गया। पांच घंटे तक पानी में गुम रहा। रात भर ग्रामीण तलाश करते रहे। सुबह मौसम शांत होने पर घर से करीब डेढ़ सौ मीटर दूर खेत में पानी से भरे गड्ढे में बेहोशी की हालत में मिला तो लोगों के मुह से बरबस ही निकल पड़ा जाको राखे साईयां मार सके न कोय। मासूम के चेहरे और आंखों में खौफ साफ नजर आ रहा था। सिर पर चोट थी।

तहसील मुख्यालय मुनस्यारी से करीब 15 किमी दूर मुनस्यारी-मिलम मार्ग पर स्थित धापा गांव आपदा प्रभावित गांव है। गांव में शनिवार रात बारिश ने जमकर कहर ढाया। बारिश से मध्य रात्रि गांव में नाले बहने लगे। भूस्खलन की चपेट में आकर प्रयाग सिंह धपवाल का मकान बह गया। प्रयाग इस समय माइग्रेशन में अपने उच्च हिमालयी गांव में हैं। घर में प्रयाग की पत्नी अपने पांच साल के बेटे तन्मय को लेकर जान बचाने को घर से बाहर दौड़ पड़ी। इस दौरान तन्मय का हाथ छूट गया। मां बदहवास-सी अपने कलेजे के टुकड़े को खोजने लगी। आवाज लगाई मगर कोई प्रतिक्रिया नहीं। चीख-पुकार सुन ग्रामीण भी खोजबीन में जुट गए।

मध्य रात्रि से सुबह पांच बजे तक बालक की खोज के लिए रेस्क्यू चलता रहा। सुबह पांच बजे जब उजाला हुआ तो तन्मय घर से करीब सौ से डेढ़ सौ मीटर दूर खेत में बने एक गड्ढे के सहारे बेहोशी की हालत में मिला । उसके सिर पर चोट थी। मां से बिछड़ कर पानी और मलबे के साथ बहता चला गया। गांव से सड़क से होते हुए नीचे खेत तक पहुंचा। खेत में बने एक छोटे गड्ढे की आड़ में रहने से बच गया। धापा से मुनस्यारी तक मार्ग बुरी तरह ध्वस्त होने से जैसे-तैसे बच्चे को सीएचसी मुनस्यारी पहुंचाया गया। जहां पर उसका उपचार चल रहा है। डॉ. कृष्णा ने बताया कि बच्चे की हालत अब सामान्य है और उसका हरसंभव उपचार किया जा रहा है। दोपहर के आसपास उसकी चोटिल मां को भी अस्पताल लाया गया है।

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