पिथौरागढ़। भारत और नेपाल में फंसे लोगों को अपने-अपने देश जाने के लिए अंतरराष्ट्रीय झूलापुल गुरुवार को खोल गया। पुल खुलने पर 115 भारतीय 90 पशुओं के साथ भारत लौटे। इसी के साथ नेपाल के छांगरु और टिंकर के भारत के रास्ते माइग्रेशन करने वाले 151 ग्रामीण अपने 121 जानवरों के साथ भारत आए। ग्रामीण अब भारत के रास्ते अपने गावों के लिए माइग्रेशन करेंगे। वहीं भारत में फंसे 225 नेपाली नागरिक नेपाल लौटे। जिसके बाद तीन बजे पुल बन्द कर दिया गया है। गुरुवार को भारत और नेपाल के गृह मंत्रालय की गाइडलाइन पर दोनों देशों के प्रशासन के निर्देश पर पुल खोला गया। सभी के नेपाल जाने के बाद पुल बन्द कर दिया जाएगा। दोनों देशों में 31 मई तक लाकडाउन रहेगा।
बनाबसा में नेपाली नागिरकों ने की नारेबाजी
चंपावत जिले की सीमा पर पहुंचे सैकड़ों नेपाली नागरिकों ने जगपुरा पुल के पास नेपाल भेजे जाने को लेकर प्रदर्शन किया। इस दौरान नेपाल सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। नेपाल सरकार द्वारा भारत के विभिन्न प्रांतों से आ रहे नेपाली नागरिकों को लेने से लगातार मना किया जा रहा है। बार्डर पर पहुंच रहे नेपाली नागरिकों के कोरोना वायरस के टेस्ट को लेकर कोई इंतजाम न आसपास के ग्रामीणों में भी खौफ है। विधायक प्रतिनिधि और ग्राम प्रधान महेश मुरारी का कहना है कि नेपाली नागरिक खरीदारी के लिए गांव की दुकानों में आ रहे हैं। ऐसे में यहां संक्रमण फैलने का खतरा बना है। जिला प्रशासन को नेपाल के अधिकारियों से बात कर इसका हल निकाला जाना चाहिए। वहीं नेपाली नागरिकों द्वारा जगपुरा पुल के पास हंगामे की सू्चना पर सीओ बीसी पंत और थाना अध्यक्ष जसवीर सिंह चैहान पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंच गए और उन्हें समझाकर शांत कराया।