भारत-चीन बॉर्डर पर 100 दिनों से बंद सड़क, सौ से ज्यादा मजदूर और पोकलैंड सहित भारी मशीनें भी फेल

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पिथौरागढ़ जिले में सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण भारत-चीन सीमा के साथ ही दारमा, व्यास और चौदास वैली को जोड़ने वाली बंद सड़क को 100 दिन बाद भी 130 से अधिक मजदूर और पोकलैंड मशीन, जेसीबी, कंप्रेशर सहित 10 से अधिक मशीनें नहीं खोल सके हैं। ऐसी प्रमुख सड़क के लंबे समय तक बंद रहने से हालात इतने गंभीर हो गए हैं सड़क खोलने में जुटी मशीनों के लिए पर्याप्त डीजल तक नहीं पहुंच पा रहा है।

ढुलाई भाड़ा बढ़ने से  धारचूला में 96 रुपये लीटर मिलने वाला डीजल 150 रुपये लीटर तक पहुंच रहा है। इन हालातों में कार्यदायी संस्थाओं के लिए जल्द सड़क खोल पाना चुनौती बन गया है। फिलहाल इस सड़क के जल्द खुलने की उम्मीद बेहद कम है। सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण दारमा, चौदास एवं व्यास वैली के 30 से अधिक गांवों को जोड़ने वाली सोबला-दर-तिदांग सड़क बीती 18 जून से बंद है।

सीमांत में चीन सीमा को जोड़ने वाली किसी सड़क का 100 दिनों तक बंद रहना अपने आप में रिकॉर्ड है। सीपीडब्लूडी एवं बीआरओ के 130 से अधिक मजदूर, पोकलैंड मशीन, जेसीबी सहित 10 से अधिक मशीनें अब तक सड़क को नहीं खोल सके हैं। दरकते पहाड़ों और वॉश आउट हुई सड़क के बीच पैदल चलना भी मुश्किल हो गया है।

हालात ये हैं कि सड़क को खोलने के लिए जरूरी सामान पहुंचाना भी चुनौती बन गया है। सीपीडब्लूडी के मुताबिक, मशीनों के लिए डीजल तक पहुंचाना मुश्किल हो रहा है। कई किमी सड़क वॉश आउट होने से वाहनों से डीजल पहुंचाना मुमकिन नहीं है।

वैली ब्रिज के निर्माण के लिए जरूरी सामग्री पहुंचाना मुश्किल हो गया है। कई जगह सड़क वॉश आउट हो गई है तो कई जगह पहाड़ी दरकने का सिलसिला अब भी जारी है। मशीनों के लिए डीजल 150 रुपये से अधिक के भाव पर पहुंच रहा है। इसकी ढुलाई के लिए पर्याप्त मजदूर नहीं मिल पा रहे हैं।
कपिल कुमार, एई, सीपीडब्लूडी, धारचूला  

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