मुनस्यारी-मिलम मार्ग कच्चा पुल बहने के कगार पर

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पिथौरागढ़। संकट की इस घड़ी में उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में चीन सीमा को जोड़ने वाले मार्ग पर पुल बहने के कगार पर है। ग्लेशियर पिघलने के बाद गोरी नदी का जलस्तर बढ़ने से मुनस्यारी-मिलम मार्ग पर लास्पागाड़ी के पास कच्चे पुल पर खतरा मंडरा रहा है। इस पुल के बहते ही जोहार घाटी में चीन सीमा तक सम्पर्क भंग हो जाएगा। मुनस्यारी-मिलम मार्ग जोहार घाटी में चीन सीमा को जोड़ने वाला एकमात्र पैदल मार्ग है। इस सीमा पर बीआरओ मुनस्यारी से मिलम तक सड़क निर्माण कर रहा है। अभी 26 किमी मार्ग का निर्माण होना है। सड़क बनने पर ही नदी, नालों पर पक्के पुल बनेंगे। अभी तक यहां पर गोरी नदी सहित उसकी समस्त सहायक नदियों पर कच्चे लकड़ी के पुल हैं। इन पुलों से ही मल्ला जोहार के 13 गांवों के ग्रामीणों के अलावा आइटीबीपी के जवान, भेड़ , बकरियां पालने वाले लोग आवाजाही करते हैं।

ग्लेशियरों के पिघलने से गोरी नदी का जलस्तर बढ़ा

घाटी में पैदल मार्ग और पुल ही लाइफ लाइन हैं। इधर, गर्मी बढ़ते ही ग्लेशियरों के पिघलने से गोरी नदी का जलस्तर बढ़ चुका है। लास्पा गाड़ी का पुल खतरे में आ चुका है। क्षेत्र के लोगों का मानना है कि पुल किसी भी समय बह सकता है, पुल के दोनों तरफ के हिस्से बह चुके हैं। पुल बहा तो ये गांव होंगे प्रभावित लास्पागाड़ी में पुल बहने से उच्च हिमालयी मिलम, ल्वा, पांछू , गनघर, रिलकोट, मर्तोली, बिल्जू , खैंलाच, टोला, बुगडियार, बुर्फू आदि गांवों का सम्पर्क टूट जाएगा। इसके अलावा इन गांवों का शेष जगत से सम्पर्क नहीं रहेगा। इसी मार्ग से बीआरओ के मजदूर, आइटीबीपी, सेना और गांवों में डाक बांटने डाकिया जाते हैं। इस समय ग्रामीण माइग्रेशन में जा रहे हैं। पुल नहीं होने पर फंसने की आशंका है।

ग्रामीणों को भी परेशानी

जौहार घाटी के नौ गांव के ग्रामीण भी इसी लकड़ी के कच्चे पुल के जरिए अपने गांवों तक पहुंचते हैं। ये सभी गर्मियों के सीजन में ही चीन सीमा से सटे गांवों में जाते हैं, जबकि सर्दियों के सीजन में ये निचले इलाकों में आ जाते हैं, लेकिन बॉर्डर की सुरक्षा पर तैनात सेना और आईटीबीपी के जवान यहां साल भर तैनात रहते हैं। इस इलाके में बीआरओ 2008 से सड़क काटने का काम कर रहा है। बीआरओ मुनस्यारी तहसील मुख्यालय से भारत के अंतिम गांव मिलम तक सड़क बना रहा है।

सड़क निर्माण जारी

उच्च हिमालयी इलाके में 64 किलोमीटर की इस सड़क में मुनस्यारी से लिलम तक 18 किलोमीटर की सड़क कट चुकी है। जबकि मिलम से लास्पा तक 26 किलोमीटर की सड़क काटने का काम जारी है, लेकिन 22 किलोमीटर की हार्ड रॉक में अभी कोई काम नहीं हुआ है। बीआरओ ने इस सड़क को काटने का लक्ष्य 2023 तक तय किया है। ऐसे में तय है कि लंबे समय तक चीन सीमा पर पहुंचना आसान नहीं होगा।

पुल निर्माण के लिए ठेका हो चुका है: ईई

हरीश धामी, विधायक, धारचूला ने कहा कि इस संबंध में मेरी लोनिवि डीडीहाट के अधिशासी अभियंता से बात हुई। ईई ने बताया कि पुल निर्माण के लिए ठेका हो चुका है। ठेकेदार मौके पर पहुंच चुका है। पुल निर्माण के लिए लकड़ी एकत्रित कर रहा है। स्थानीय लोग मौके पर नजर बनाए हैं। ठेकेदार से सम्पर्क कर तत्काल पुल निर्माण के लिए कहा गया है। महेश कुमार, क्षेत्र में तैनात लोनिवि अवर अभियंता ने बताया कि पुल खतरे में है, कभी भी नदी पुल से ऊपर आ सकती है। ऐसे में ठेकेदार ने पुल निर्माण शुरू कर दिया है। कच्चे पुल के लिए लकड़ी पहुंचाई जा रही है। लकड़ी पहुंचते ही पुल का कार्य प्रारंभ हो जाएगा।

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