पिथौरागढ़ : पूर्वानुमान के मुताबिक उत्तराखंड में मौसम का मिजाज बदल चुका है। पिथौरागढ़ के मुनस्यारी में बारिश के दौरान मदकोट, चौना क्षेत्र में तेज हवा चलने लगी। इस दौरान मदकोट बाजार में पीपल के पेड़ की टहनियां टूट कर दो वाहनों और एक मकान पर गिर पड़ीं। हादसे में दोनों वाहन क्षतिग्रस्त हो गए। मकान को भी क्षति पहुंची है। वहीं चौना गांव में विवाह समारोह के लिए लगाया गया टेंट भी तेज हवा में उड़ गया। इस दौरान समारोह स्थल पर भगदड़ जैसी स्थति मच गई।
मंगलवार दोपहर उच्च हिमालय में मौसम का मिजाज बदल गया। आसमान घने बादलों से घिर गया। इस दौरान हिमनागरी मुनस्यारी में करीब आधे घण्टे बारिश हुई। बारिश के चलते ठंडी हवाएं चल रही हैं। जिले के अन्य क्षेत्रों में धुंध छाई है। उच्च हिमालय में मौसम बदलने से ठंडी हवाओ के चलते तापमान में कमी आई है। वहीं मदकोट, चौना क्षेत्र में तेज हवा चलने के कारण पीपल के पेड़ की टहनियां दो वाहनों और मकान पर गिरने के कारण वाहन और घर क्षतिग्रस्त हो गए। वहीं चौना गांव में विवाह समारोह के लिए लगाया गया टेंट भी तेज हवा में उड़ गया।
अप्रैल आखिरी दिनों में तराई-भाबर का पारा 40 डिग्री को पार कर सकता है। इस बार अप्रैल दूसरे सप्ताह मध्यम तीव्रता के दो व तीसरे सप्ताह एक पश्चिमी विक्षोभ देखा गया। इस अवधि में राज्य में 25.3 मिमी के सापेक्ष महज 5.6 मिमी (78 प्रतिशत कम) बारिश हुई है।
जीबी पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विवि पंतनगर के मौसम विज्ञानी डा. आरके सिंह ने बताया कि मई माह व जून के पहले दो सप्ताह में बारिश के लिए उत्तराखंड समेत उत्तर भारत को बंगाल की खाड़ी पर निर्भर रहना होता है। कुमाऊं के मैदानी इलाकों में मई में तीन से चार दिन बारिश के रहते हैं। पछुवा हवाओं के कारण मई में तापमान अधिक रहता है। मई में तापमान 42 डिग्री पहुंच जाएगा और लू की स्थिति रहेगी।